मणिपुर में इंटरनेट बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई के लिए सहमत
मणिपुर में इंटरनेट बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। 7 जुलाई को मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में इंटरनेट लीज लाइन (ILL) और फाइबर टू द होम (FTTH) कनेक्शन पर इंटरनेट बैन हटाने का आदेश दिया था। बशर्तें एक्सपर्ट कमेटी सहित सभी हितधारकों के सुझाए गए सुरक्षा उपायों का अनुपालन किया जाए।
आज, मणिपुर राज्य की ओर से पेश भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उक्त आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा-
"ये मणिपुर में इंटरनेट बंद होने से संबंधित है। स्थिति बदलती रहती है। यह उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के संबंध में है।"
हालांकि सीजेआई ने इसे कल सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन एसजी ने अनुरोध किया कि मामले पर आज ही सुनवाई की जाए।
इसके बाद, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ मणिपुर हिंसा से संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ आज मामले की सुनवाई करने पर सहमत हो गई।
हाईकोर्ट ने सरकार को केस-बाय-केस के आधार पर फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन बहाल करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया था, बशर्ते कि विशेषज्ञ समिति द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए सुरक्षा उपायों का अनुपालन किया जाए।
राज्य में इंटरनेट की बहाली की मांग करने वाले विभिन्न पक्षों द्वारा दायर कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर एक आदेश जस्टिस अहनथेम बिमोल सिंह और जस्टिस गुनेश्वर शर्मा ने पारित किया।
6 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में हिंसा की कथित घटनाओं के जवाब में 3 मई, 2023 से मणिपुर में लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा था कि मणिपुर उच्च न्यायालय के पास पहले से ही मामला है और इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट याचिका पर विचार नहीं कर सकता है।