मालेगांव ब्लास्ट : पीड़ित के पिता ने मामले का जल्दी ट्रायल पूरा करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी

Update: 2020-02-28 02:15 GMT

मालेगांव ब्लास्ट पीड़ित के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मालेगांव ब्लास्ट मामले में तेजी से सुनवाई करने के लिए मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल जज, जो सेवा-निवृत्ति के करीब हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की।

याचिका में कहा गया है कि मामले की सुनवाई में देरी संविधान के अनुच्छेद 21 के लिए विरोधाभासी है। याचिका में कहा गया,

"मुकदमे को निपटाने में देरी के कारण, याचिकाकर्ता और अन्य पीड़ितों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, याचिकाकर्ता अपराधों के त्वरित परीक्षण की मांग करने का हकदार है, खासकर जब याचिकाकर्ता ने उक्त धमाकों में अपना बेटा खो दिया हो।"

याचिका में कहा गया है कि भले ही यह घटना 29.09.2008 को हुई हो, लेकिन यह ट्रायल 12 साल से चल रहा है।

विशेष एनआईए जज वीएस पाडल्कर , जो केस की सुनवाई कर रहे हैं, 29 फरवरी, 2020 को सेवानिवृत्ति हो रहे हैं और उनकी जगह जिस न्यायाधीश को नियुक्त किया जाएगा, वो मामले को समझने में और अधिक समय लेंगे, जिससे ट्रायल में और भी देर होगी।

"वह पिछले 1 साल और 4 महीनों में 140 गवाहों की जांच कर चुके हैं। नई पोस्टिंग पर आने वाले न्यायाधीश हजारों पन्नों में चलने वाले इस मामले के रिकॉर्ड पर पकड़ बनाने में और समय लेंगे।" याचिकाकर्ता ने बताया।

"यह प्रस्तुत किया गया है कि विशेष एनआईए जज वीएस पाडल्कर के कार्यकाल में विस्तार करना न्याय के हित में होगा ताकि ट्रायल पूरा हो सके जो पिछले 12 वर्षों से लंबित है।

एक दशक से अधिक पुराने मालेगांव बम धमाके मामले में विशेष एनआईए जज वीएस पाडल्कर के समक्ष अब तक 140 गवाहों का निस्तारण हो चुका है। हालांकि, न्यायाधीश पाडल्‍कर 28 फरवरी, 2020 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि अभियोजन पक्ष ने 600 गवाहों की एक सूची प्रस्तुत की है, जिनकी परीक्षण किया जाना बाकी है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट एनआईए से मुकदमे में अब तक की प्रगति की रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में पेश करने को कह चुका है।

आज, भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो मालेगांव विस्फोट मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक हैं, इस मामले के सिलसिले में मुंबई की विशेष अदालत में पेश हुईं।

ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

2006 मालेगाँव बम विस्फोटों की एक श्रृंखला थी जो 8 सितंबर 2006 को भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले के मालेगांव में हुई थी, जिसमें छह लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे।

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