महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट: सुप्रीम कोर्ट में दलबदल करने वाले विधायकों को पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से रोकने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका दायर
महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अर्जी दाखिल कर उन विधायकों पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है जो अयोग्य हैं या जिन्होंने अपने पद से इस्तीफे दे दिया है।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर की पहले से लंबित रिट याचिका में दायर एक नए आवेदन में राहत मांगी गई है, जिसमें उन्होंने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत सदन के सदस्यों के रूप में अयोग्य घोषित उम्मीदवारों को फिर से उपचुनाव लड़ने से रोकने के लिए प्रार्थना की थी जिसमें वे चुने गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2021 में ठाकुर की रिट याचिका में नोटिस जारी किया था। अब, महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के मद्देनजर, उन्होंने रिट याचिका में एक नया इंटरलोक्यूटरी आवेदन दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है। हालांकि उन्हें 7 जनवरी, 2021 को नोटिस जारी किया गया था।
आवेदन में कहा गया है,
"राजनीतिक दल इसका गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं और हमारे देश के विभिन्न राज्यों में निर्वाचित सरकार को लगातार गिरा कर रहे हैं। हाल ही में, 18.06.2022 से 22.06.2022 तक वही बात महाराष्ट्र राज्य में दोहराई गई है। ये राजनीतिक दल फिर से हमारे देश के ताना-बाना और डेमोक्रेटिक को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए इस कोर्ट का तुरंत निर्देश आवश्यक है जैसा कि इस आवेदन में निर्देश के लिए प्रार्थना की गई है।"
ठाकुर ने अपने आवेदन में आगे कहा है कि हाल ही में राजनीतिक दलों द्वारा संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों को निरर्थक बनाने के लिए अखिल भारतीय प्रयास किया गया है।
मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों में विधायक के अयोग्य होने या इस्तीफा देने के विभिन्न उदाहरणों का हवाला देते हुए ठाकुर ने अपने आवेदन में यह भी कहा है कि ये अलोकतांत्रिक प्रैक्टिस हमारे लोकतंत्र और संविधान का मजाक बना रही हैं।
आवेदन यह भी कहा गया है,
"परिणाम यह है कि इसके कारण, राज्य के लोगों को स्थिरता से वंचित कर दिया जाता है और मतदाताओं को एक समान विचारधारा वाले प्रतिनिधि चुनने के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है। इसके अलावा इन निरंतर दलबदल से सरकारी खजाने को भारी नुकसान होता है क्योंकि इसके कारण उपचुनाव होते रहते हैं।"
इसलिए, आवेदक वर्तमान कानून में बदलाव चाहता है जो ऐसे विधायकों को मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल के दौरान उपचुनाव लड़ने की अनुमति देता है। आवेदन में कर्नाटक का उदाहरण दिया गया है, जहां 2019 में इस्तीफा देने वाले कई विधायक उपचुनाव में उसी विधानसभा के लिए फिर से चुने गए।
आवेदन का मसौदा एडवोकेट वरुण ठाकुर ने तैयार किया है और इसे एओआर वरिंदर कुमार शर्मा ने दायर किया है।
केस टाइटल: जया ठाकुर बनाम भारत संघ| WP 1032 ऑफ 202