सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले लोकसभा सचिवालय ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल की
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि लक्षद्वीप के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल की अयोग्यता केरल हाईकोर्ट द्वारा 25 जनवरी को उनकी सजा को निलंबित करने के मद्देनजर समाप्त हो गई।
एनसीपी सांसद द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले लोकसभा की अधिसूचना आई, जिसमें उनकी दोषसिद्धि पर रोक के बावजूद उनकी अयोग्यता को रद्द करने से इनकार किया गया।
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ के समक्ष उक्त मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
अधिसूचना में कहा गया,
"केरल हाईकोर्ट के दिनांक 25.01.2023 के आदेश के मद्देनजर, मोहम्मद फैजल पीपी की अयोग्यता, राजपत्र अधिसूचना संख्या 21/4(1)/2023/TO(B) दिनांक 13 जनवरी, 2023 द्वारा अधिसूचित भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)सी) के प्रावधानों की शर्तों को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8 के साथ पढ़ा जाए, आगे की न्यायिक घोषणाओं के अधीन काम करना बंद कर दिया।"
11 जनवरी, 2023 को लक्षद्वीप की एक सत्र अदालत ने एनसीपी सांसद और तीन अन्य को 2009 की घटना से संबंधित हत्या के प्रयास के मामले में दस साल कैद की सजा सुनाई। सजा के बाद द्वीप के दो बार के सांसद फैजल को संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया और भारत के चुनाव आयोग ने उपचुनावों की घोषणा की।
केरल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 25 जनवरी को फैजल की दोषसिद्धि को निलंबित कर दिया।
हाईकोर्ट के जज, जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने राकांपा नेता की दोषसिद्धि को निलंबित करते हुए उपचुनाव में फिजूलखर्ची पर चिंता व्यक्त की, खासकर तब जब लोकसभा का कार्यकाल डेढ़ साल के भीतर समाप्त होने वाला है।
जस्टिस थॉमस ने यह भी कहा कि मामले में अभियुक्तों द्वारा कोई खतरनाक हथियार इस्तेमाल नहीं किया गया और घाव के प्रमाण पत्र में कोई गंभीर चोट नहीं थी।
दोषसिद्धि के निलंबन के बाद चुनाव आयोग ने उपचुनावों के लिए प्रेस नोट को आगे बढ़ाने में कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। हालांकि लक्षद्वीप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने 20 फरवरी को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
फैजल ने नवीनतम याचिका में तर्क दिया कि लोकसभा द्वारा उनकी सदस्यता बहाल करने से इनकार करना हाईकोर्ट के उक्त फैसले के विपरीत है। लोक प्रहरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख किया गया, जिसमें कहा गया कि एक बार सजा पर रोक लगने के बाद अयोग्यता भी निलंबित हो जाएगी।
याचिका में कहा गया,
"याचिकाकर्ता प्रतिवादी लोकसभा सचिवालय सेक्रेटरी की ओर से 13 जनवरी, 2023 की अधिसूचना को वापस नहीं लेने की गैरकानूनी निष्क्रियता के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस अदालत के असाधारण अधिकार क्षेत्र का आह्वान करने के लिए विवश है, जिससे याचिकाकर्ता को लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र से संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
[केस टाइटल: लक्षद्वीप बनाम मोहम्मद फैज़ल और अन्य का यूटी प्रशासन। एसएलपी (क्रिमिनल) नंबर 1644/2023 और मोहम्मद फैजल पीपी बनाम महासचिव डब्ल्यूपी (सी) नंबर 405/2023]