जज उत्तम आनंद की मौत का मामला: सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक अधिकारियों और कानूनी बिरादरी के संरक्षण के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर

Update: 2021-08-03 07:49 GMT

झारखंड़ राज्य के धनबाद के न्यायमूर्ति उत्तम आनंद की हालिया हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कानूनी बिरादरी की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों दिए जाने और उन दिशा-निर्देशों को तुरंत लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

इसके साथ ही याचिका में न्यायिक अधिकारियों को उनके संबंधित राज्यों में 'X' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि इस तरह की घटनाएं कानूनी तंत्र के प्रति नागरिकों के विश्वास को हिला देती हैं, जो न्याय प्रदान करने के लिए मौजूद है। इसके अलावा, वे न्याय में बाधा के रूप में खड़े हैं, क्योंकि न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं के कामकाज में बाधा डालते हैं और न्याय की प्रक्रिया के लिए खतरा पैदा करते हैं।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में हैदराबाद स्थित वकील दंपति जी वामन राव और नागमणि की हत्या सहित इसी तरह की अन्य घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, इस स्थिति में दिशानिर्देशों और नीतियों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है ताकि कानूनी बिरादरी के लिए गैर-हस्तक्षेप और स्वतंत्रता के साथ स्वतंत्र न्यायपालिका के दर्शन की रक्षा की जा सके।

याचिका में कहा गया है,

"न्याय की संस्था के लिए इस तरह का खतरा संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बिना किसी अहसास के अराजकता का मार्ग प्रशस्त करता है, जिसका प्रचार किया जा सकता है।" 

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