JNU हिंसा : तहसीन पूनावाला ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की अवमानना याचिका

Update: 2020-01-06 12:15 GMT

रविवार शाम को जवाहर लाल नेहरू ( JNU) परिसर में हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दाखिल की गई है। एक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है।

याचिका में कहा गया है कि JNU में दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2018 को लिंचिंग मामले में मॉब द्वारा हिंसा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके तहत ऐसी घटनाओं को रोकने और हिंसा होने पर उपचारात्मक कदम उठाने के आदेश जारी किए गए थे।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सीआरपीसी की धारा 129 के तहत हर पुलिस अधिकारी का ये कर्तव्य है कि वो मॉब द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाए।

कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार के गृह विभाग को इसके लिए राज्यों से मिलकर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है।

लेकिन रविवार शाम को नकाबपोश बदमाश डंडों, पत्थर आदि से लैस होकर विवि परिसर में घुसे और छात्र- छात्रों के अलावा प्रोफेसरों पर भी हमला किया। यहां तक कि परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी को रोकने की कोशिश नहीं की।

इससे साफ है कि पुलिस ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। इसलिए केंद्र, दिल्ली पुलिस आयुक्त, दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त और वसंत कुंज नार्थ पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

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