JNU में देशद्रोह : पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा, फाइल पर बैठी नही रह सकती दिल्ली सरकार, 28 फरवरी को सुनवाई

Update: 2019-02-07 06:52 GMT

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को दिल्ली सरकार द्वारा अनुमति ना दिए जाने पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वो जल्द से जल्द दिल्ली सरकार की अनुमति लें।

बुधवार को सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अभी तक उन्हें राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिली है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार इस तरह मामले की फाइल पर बैठी नहीं रह सकती है। अदालत इस इस मामले की सुनवाई अब 28 फरवरी को करेगी।

इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को केजरीवाल सरकार की अनुमति लिए बिना ही अदालत में चार्जशीट पेश करने को लेकर फटकार लगाई थी और 6 फरवरी तक सरकार की अनुमति लेकर आने को कहा था।

दरअसल दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कन्हैया कुमार समेत कई आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धारा 124ए लगाई है। गौरतलब है कि कोर्ट, सीआरपीसी की धारा 196 के तहत इस मामले में संज्ञान तभी ले सकता है जब पुलिस को दिल्ली सरकार की अनुमति मिलेगी।

गौरतलब है कि जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को भारत विरोधी नारे लगाने के मामले में पुलिस के स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के अलावा सात कश्मीरियों को भी देशद्रोह का आरोपी बनाया गया है। इन सभी कश्मीरी छात्रों से भी पूछताछ की जा चुकी है लेकिन इन्हें बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट किया गया है। इनके खिलाफ चार्जशीट में 124A (देशद्रोह), 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120B जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

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