दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सहयोगी हनीप्रीत को राहत मिली है। अदालत ने उस पर लगाई गई देशद्रोह की धारा हटा दी है। हनीप्रीत फिलहाल अंबाला जेल में बंद है।
पंचकूला एडिशनल सेशन जज संजय संधीर की कोर्ट में शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी हनीप्रीत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। पुलिस कोर्ट में देशद्रोह व देशद्रोह की साजिश रचने के आरोप साबित नहीं कर सकी। इसके बाद कोर्ट ने धारा-121 व 121 ए को हटा दिया। अब हनीप्रीत व अन्य पर आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 व 120-बी के तहत ही सुनवाई होगी। कोर्ट ने अगली तारीख 6 नवंबर तय की है।
मामले के 40 आरोपी
गौरतलब है कि हिंसा मामले में इससे पहले भी दर्ज तीन अलग अलग एफआईआर में आरोपियों से देशद्रोह की धारा हटाई गई थी। मामले के करीब 40 आरोपी हैं और इनमें से कई आरोपियों को कोर्ट भगोड़ा करार दे चुकी है। जबकि कुछ के अरेस्ट वारंट जारी किए जा चुके हैं।
दरअसल राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हिंसा हुई थी। इसमें 36 लोगों की मौत हुई थी।
हनीप्रीत पर आरोप है कि उसने डेरा समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया था। इसके बाद ही समर्थकों ने पंचकूला में जमकर उत्पात मचाया। सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। पेट्रोल पंप समेत कई दफ्तरों और इमारतों को भी फूंक डाला था।पुलिस ने ये भी आरोप लगाया कि हनीप्रीत ने फैसले के बाद गुरमीत राम रहीम को पुलिस हिरासत से भगाने की साजिश भी रची थी।
साध्वियों से बलात्कार के 2 मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त 2017 को राम रहीम को 20 साल कैद की सजा सुनाई थी।