हिजाब बैन- इसे होली के बाद लिस्ट करेंगे'- मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने परीक्षा शुरू होने से पहले मामले की सुनवाई की याचिका पर कहा
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि वह होली की छुट्टियों के बाद कर्नाटक हिजाब मामले को सूचीबद्ध करेंगे।
शरीयत समिति की ओर से पेश वकील ने जल्द से जल्द लिस्टिंग की मांग की क्योंकि परीक्षाएं 9 मार्च से शुरू हो रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट होली की छुट्टियों के लिए बंद है और 13 मार्च को फिर से खुलेगा।
वकील ने प्रस्तुत किया कि परीक्षा 9 मार्च से हो रही है और जल्दी सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध किया क्योंकि सरकारी कॉलेजों ने कहा कि हिजाब पहनने वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सीजेआई ने जवाब दिया,
"मैं इसे होली की छुट्टियों के तुरंत बाद सूचीबद्ध करूंगा।""
लेकिन परीक्षाएं 9 से शुरू हो रही हैं", वकील ने कहा।
सीजेआई ने वकील से पूछा,
"यदि आप आखरी दिन आते हैं तो मैं क्या कर सकता हूं?"
वकील ने तब जवाब दिया कि इस मामले का उल्लेख पहले के मौकों पर किया गया था।
वकील ने आग्रह किया,
"वे (स्टूडेंट) एक साल चूक गए हैं। वे एक साल और मिस कर जाएंगे। इस मामले का पहले दो बार उल्लेख किया गया था, जनवरी में उल्लेख किया गया था, फरवरी में भी मेंशन किया गया था।
सीजेआई ने दोहराया,
"मैं एक पीठ का गठन करूंगा। मैं मामले को सूचीबद्ध करूंगा।""
परीक्षा का क्या होगा?", वकील ने पूछा।
सीजेआई ने कहा, "मैं आपके सवालों का जवाब नहीं दे सकता", सीजेआई ने कहा कि वह एक बेंच बनाएंगे।
22 फरवरी को एडवोकेट शादान फरासत ने हिजाब पहनने वाले मुस्लिम स्टूडेंट को सरकारी कॉलेजों में आयोजित होने वाली पीयूसी परीक्षा में धार्मिक हेडस्कार्व पहनकर शामिल होने की अनुमति देने के लिए अंतरिम निर्देश मांगने के मामले का उल्लेख किया था।
सीजेआई ने तब आश्वासन दिया था,
"मैं इस पर फैसला लूंगा।"
इससे पहले, 23 जनवरी को सीजेआई सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा द्वारा सरकारी कॉलेजों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं की तात्कालिकता का उल्लेख करने के बाद, तत्काल लिस्टिंग के अनुरोध पर विचार करने के लिए सहमत हुए थे।
कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के बाद, कई मुस्लिम छात्राओं को निजी कॉलेजों में जाना पड़ा। हालांकि, परीक्षा सरकारी कॉलेजों में आयोजित की जाती है। इस पृष्ठभूमि में याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांगी है।
मार्च 2022 में, कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी कॉलेजों में धार्मिक हेडस्कार्फ़ पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों पर राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा था। अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने अपीलों में विभाजित फ़ैसला सुनाया था, जिसमें जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा था और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने इसके खिलाफ फैसला सुनाया था।