हेट स्पीच : सुप्रीम कोर्ट ने डॉ कफील को रिहा करने की उनकी मां की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा 

Update: 2020-03-18 12:27 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) के तहत हिरासत में रखे गए गोरखपुर के डाॅ. कफील खान को तुरंत रिहा कराने की उनकी मां की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया है और सारा रिकॉर्ड हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को मामले की जल्द सुनवाई करने को कहा है। 

दरअसल डॉ कफील की मां नुजहत परवीन ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दाखिल कर उन्हें अदालत में पेश कर रिहा करने के आदेश मांगे थे। उनका दावा था कि सरकार ने गैरकानूनी तरीके से उन्हें हिरासत में रखा हुआ है। 

गौरतलब है कि 29 जनवरी को डाॅ. कफील को यूपी एसटीएफ ने भड़काऊ भाषण के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था। 10 फरवरी को अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने जमानत के आदेश दिए थे लेकिन उनकी रिहाई से पहले NSA लगा दिया गया और वो जेल से रिहा नहीं हो पाए। 

उन पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगाए गए है ।    13 दिसंबर को अलीगढ़ में उनके खिलाफ धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर नफरत फैलाने के मामले में धारा 153-ए के तहत केस दर्ज किया गया है । आरोप है कि 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के सामने दिए गए संबोधन में धार्मिक भावनाओं को भड़काया और दूसरे समुदाय के प्रति शत्रुता बढ़ाने का प्रयास किया । इसमें ये भी कहा गया है कि 12 दिसंबर 2019 को शाम 6.30 बजे डॉ. कफील और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष व एक्टिविस्ट डॉ. योगेंद्र यादव ने AMU में लगभग 600 छात्रों की भीड़ को CAA के खिलाफ संबोधित किया था जिस दौरान कफील ने ऐसी भाषा का प्रयोग किया । दरअसल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में 60 से अधिक बच्चों की आकस्मिक मृत्यु के मामले में डाॅ. कफील का नाम सामने आया था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था और वो इस मामले में जेल में भी रहे। 

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