सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दीवाली पर ग्रीन पटाखे छोड़ने से संबंधित मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा निपटाया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 जनवरी, 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ग्रीन पटाखों के भंडारण और बिक्री में लगी दो संस्थाओं द्वारा याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि प्रतिबंध में ग्रीन पटाखों को शामिल करने का कोई कारण नहीं है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने विचार लिया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समान याचिका लंबित है, इसलिए मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 18 अक्टूबर, 2022 को की जाएगी। यह बताते हुए कि दीवाली 24 अक्टूबर को है, वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने और इसे पहले सूचीबद्ध करने की प्रार्थना की।
हालांकि, सीजेआई ललित ने कहा,
''हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।''
जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने 10 अक्टूबर को दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर विचार किया। उस याचिका को जुड़े मामले के साथ टैग किया गया।
याचिका के अनुसार, DPCC द्वारा लगाए गए निर्देश को भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (g) का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए। याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली सरकार के साथ-साथ DPCC को उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की भी मांग की। आक्षेपित निर्देश को मनमाना बताते हुए और ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग पर लगाए गए अंतिम मिनट के प्रतिबंध को कहते हुए याचिका में तर्क दिया गया कि DPCC की कार्रवाई याचिकाकर्ताओं की आजीविका पर नहीं बल्कि इसी तरह के अन्य विक्रेताओं को भी प्रभावित करती है।
याचिका में तर्क दिया गया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के 1 दिसंबर, 2020 के आदेश में पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध की परिकल्पना नहीं की गई, क्योंकि यह उस समय प्रचलित COVID-19 स्थिति के संदर्भ में पारित किया गया।
याचिका में कहा गया,
"दिसंबर, 2020 में लागू लगभग सभी COVID-19 संबंधित प्रतिबंधों में अब ढील दी गई। इस प्रकार कोई कारण नहीं कि पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध बना रहे, खासकर ऐसे समय में जब दिल्ली में एक्यूआई का स्तर मध्यम या बेहतर स्तर पर हैं।"