Ex-NRC समन्वयक ने असम NRC के पुनर्सत्यापन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, कहा- बड़े पैमाने पर त्रुटियां हुईं

Update: 2025-08-23 05:18 GMT

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट याचिका में नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 की अनुसूची के खंड 4(3) के तहत असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के मसौदे और पूरक के पूर्ण, व्यापक और समयबद्ध पुनर्सत्यापन की मांग की गई।

याचिका में कहा गया,

“चूंकि एक सही और त्रुटिरहित NRC तैयार करना राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है। इस पर माननीय न्यायालय द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है, इसलिए रिट याचिकाकर्ता यह आवश्यक समझता है कि NRC के अपडेट के दौरान हुई कुछ चूकों और कमियों से माननीय न्यायालय को अवगत कराया जाए ताकि इस पर विचार किया जा सके और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा उचित और उचित समझे जाने वाले संभावित सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके।”

जस्टिस पमिदिघंतम श्री नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर की खंडपीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता रिटायर आईएएस अधिकारी हितेश देव सरमा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह याचिका व्यक्तिगत रूप से और असम के मूल निवासियों के एक बड़े वर्ग की ओर से दायर की।

याचिका में अनुच्छेद 14, 19, 21, 25 और 29 के तहत मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग की गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि NRC के अद्यतनीकरण के दौरान बड़े पैमाने पर त्रुटियां हुईं, जिसके कारण नामों को गलत तरीके से शामिल और बाहर किया गया। याचिका में कहा गया कि एक सही और त्रुटिरहित NRC तैयार करना राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने पहले मई 2014 से फरवरी 2017 तक NRC, असम के कार्यकारी निदेशक के रूप में और बाद में 24 दिसंबर, 2019 से जुलाई 2022 में अपनी रिटायरमेंट तक राज्य NRC समन्वयक के रूप में कार्य किया। उनका दावा है कि वे सत्यापन प्रक्रियाओं को तैयार करने में सीधे तौर पर शामिल रहे हैं।

NRC का पूरा मसौदा 30 जुलाई, 2018 को और पूरक सूची 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित की गई, फाइनल NRC अभी तक भारत के महापंजीयक द्वारा प्रकाशित नहीं की गई। याचिका में विभिन्न रिपोर्टों, आधिकारिक संचार और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के निष्कर्षों का हवाला दिया गया, जो इस प्रक्रिया में विसंगतियों को उजागर करते हैं।

याचिका में कई आधार दिए गए:

पात्र व्यक्तियों का बहिष्कार: याचिका में कहा गया कि NRC के मसौदे से बाहर किए गए 40,07,719 लोगों में से लगभग 3,93,975 ने दावा दायर नहीं किया, जिसमें कहा गया कि उनमें से लगभग 50,695 लोग शामिल किए जाने के योग्य प्रतीत होते हैं।

मूल निवासियों (OI) का गलत चिह्नांकन: याचिका में कहा गया कि कामरूप जिले के उपायुक्त ने 28 जून, 2019 को रिपोर्ट दी कि चमारिया सर्कल में 64,247 आवेदकों को OI के रूप में चिह्नित किया गया, लेकिन नमूना सत्यापन से पता चला कि उनमें से 14,183 पात्र नहीं थे। 30,791 व्यक्तियों के विशेष सत्यापन के परिणामस्वरूप 7,446 लोग अपात्र पाए गए, जिनमें घोषित विदेशी, विदेशियों के वंशज, संदिग्ध मतदाता और विदेशी न्यायाधिकरणों में लंबित मामलों वाले व्यक्ति शामिल हैं।

स्पष्ट आदेशों का अभाव: याचिका के अनुसार, दावों और आपत्तियों के दौरान निपटान अधिकारियों (DO) के 5,06,140 निर्णयों में से केवल 4,148 की ही स्पष्ट आदेशों के माध्यम से समीक्षा की गई। याचिका में कहा गया कि बिना किसी सुनवाई या स्पष्ट आदेश के 43,642 व्यक्तियों के नाम 'अस्वीकार' से 'स्वीकार' में और 4,62,498 व्यक्तियों के नाम 'स्वीकार' से 'अस्वीकार' में बदल दिए गए।

वंशावली मिलान में खामियां: याचिका में कहा गया कि एक नमूना जांच से पता चला है कि वंशावली मिलान में त्रुटियों के कारण NRC के मसौदे में 943 नाम गलत दर्ज किए गए, जो उच्च त्रुटि दर और उचित गुणवत्ता नियंत्रण के अभाव का संकेत देता है।

वित्तीय अनियमितताएं: याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 31 मार्च, 2020 को समाप्त वर्ष के लिए CAG की रिपोर्ट में ₹260 करोड़ से अधिक की अनियमितताओं को चिन्हित किया गया और तत्कालीन राज्य समन्वयक पर ज़िम्मेदारी तय करने की सिफ़ारिश की गई।

याचिका में राज्य समन्वयक, NRC, असम द्वारा जारी पत्रों; सत्यापन टीमों की रिपोर्टों; आईटी विक्रेता बोहनिमन सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड से संचार और NRC डेटा की सुरक्षा के संबंध में साइबर सुरक्षा सलाहकार के निष्कर्षों का भी उल्लेख किया गया।

याचिका में NRC के मसौदे और पूरक सूची के पूर्ण, व्यापक और समयबद्ध पुनर्सत्यापन की मांग की गई, जिसमें अपडेट प्रक्रिया में गंभीर चूक और कमियों का हवाला दिया गया, जो याचिकाकर्ता के अनुसार, फाइनल NRC की अखंडता को प्रभावित कर सकती हैं।

Case Title – Hitesh Dev Sarma v. Union of India

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