याचिकाओं में पेज लिमिट पर 'सभी के लिए एक उपयुक्त' निर्देश पारित नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

Update: 2023-08-15 10:29 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया, जिसमें अदालत में दायर याचिकाओं में पेज संख्या सीमित करने की मांग की गई थी। शीर्ष न्यायालय ने हालांकि कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता 'प्रशंसनीय' है, लेकिन न्यायालय का विचार है कि 'सभी के लिए एकउपयुक्त' निर्देश जारी करना उचित नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया और याचिकाकर्ता के लिए यह खुला छोड़ दिया कि वह मामलों के शीघ्र निपटान के लिए किसी भी 'ठोस' सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से संपर्क कर सकता है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ , जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका को बंद करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया:

“हालांकि अदालत में याचिकाओं पर पेज लिमिट की आवश्यकता पर याचिकाकर्ता की चिंता प्रशंसनीय है, लेकिन अदालत के लिए 'सभी के लिए एक उपयुक्त' के निर्देश तय करना मुश्किल हो सकता है। यदि याचिकाकर्ता के पास मामलों के निपटान में तेजी लाने के लिए प्रशासनिक पक्ष पर कोई ठोस सुझाव है तो वह सेक्रेटरी जनरल के समक्ष एक अभ्यावेदन रखने के लिए स्वतंत्र होगा। हालांकि यह कार्रवाई के किसी नए कारण को जन्म नहीं देगा।”

केस टाइटल: अमरीश रजनीकांत किलाचंद वी. जनरल सेक्रेटरी एससीआई, डब्ल्यूपीसी (सी) डायरी नंबर 18497/2023

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