निर्भया केस : मौत की सज़ा पर रोक लगाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की
निर्भया मामले में गुरुवार को रात 10 बजे से रात 11.30 बजे तक हुई विशेष सुनवाई के बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया मामले में चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई गुण नहीं है। न्यायमूर्ति मनमोहन के आवास पर सुनवाई हुई।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया मामले के दोषियों द्वारा पटियाला हाउस के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
अब इस डेथ वारंट पर अमल कल सुबह 5 बजे होना है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की डिवीजन बेंच ने एडवोकेट एपी सिंह द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया।
बेंच ने एपी सिंह से कहा,
"ईश्वर से मिलने का आपके क्लाइंट का समय आ गया है। हमारा समय क्यों बर्बाद करें? हमारे पास कोई समय नहीं है।"
अदालत ने कहा कि मौत के वारंट के निष्पादन पर रोक लगाने लिए कोई वैध आधार नहीं बताया गया है।
सुनवाई के दौरान, पीठ ने बार-बार अधिवक्ता ए पी सिंह को बिना योग्यता के अप्रासंगिक प्रस्तुतियाँ देने के लिए टोंका।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा,
"आपको हमारे साथ उचित होना चाहिए। आप सज़ा के निष्पादन से 5-6 घंटे पहले आए हैं और अपनी बात को प्रमाणित करने में विफल रहे हैं। दुर्भाग्य से, आपकी याचिका का कोई कानूनी आधार नहीं है।"
वकील सिंह ने मुकदमे की वैधता पर सवाल उठाते हुए कार्यवाही में अपने तर्कों को दोहराया। उन्होंने दावा किया कि उनके क्लाइंट "मीडिया ट्रायल", और "पुलिस यातना" के शिकार हुए हैं।"