Delhi Excise Policy Case में मनीष सिसोदिया को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सप्ताह में दो बार CBI और ED के समक्ष पेश होने की शर्त हटाई

Update: 2024-12-11 06:11 GMT

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन पर लगाई गई जमानत की शर्त हटा दी, जिसके तहत उन्हें सप्ताह में दो बार ED और CBI के जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होना था।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए स्पष्ट किया कि सिसोदिया नियमित रूप से मुकदमे में उपस्थित होंगे।

खंडपीठ ने कहा,

"हमें उक्त शर्त आवश्यक नहीं लगती।"

सिसोदिया द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त इस प्रकार है:

"अपीलकर्ता को प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को सुबह 10-11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा।"

संक्षेप में मामला

9 अगस्त को न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति 'घोटाले' से उत्पन्न ED और CBI दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी, जिसमें मुकदमे की शुरुआत में देरी और मुकदमे से पहले हिरासत की लंबी अवधि को ध्यान में रखा गया था।

जमानत की शर्तों के रूप में न्यायालय ने सिसोदिया से 10 लाख रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने तथा अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा। इसके अलावा, उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10-11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना था।

केस टाइटल:

(1) मनीष सिसोदिया बनाम प्रवर्तन निदेशालय, एमए 2344/2024, सीआरएल.ए. संख्या 3295/2024

(2) मनीष सिसोदिया बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो, एमए 2345/2024, सीआरएल.ए. संख्या 3296/2024

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