दोषी को 10 साल तक कैद में रखा गया, हालांकि सजा 7 साल की थी: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

Update: 2022-03-24 03:00 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने छत्तीसगढ़ सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि एक दोषी को 10 साल तक कैद में क्यों रखा गया, हालांकि अदालत द्वारा दी गई सजा सात साल की कैद थी।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि 7 साल के कठोर कारावास की पूरी सजा भुगतने के बावजूद उसे जेल से रिहा नहीं किया गया है।

वास्तव में, रिकॉर्ड से पता चला कि वह 10 साल 03 महीने और 16 दिन तक हिरासत में रखा गया था।

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद याचिकाकर्ता को जेल से रिहा किया गया।

कोर्ट ने कहा कि मामले को शांत नहीं किया जा सकता है। जांच की आवश्यकता है।

अदालत ने कहा,

"यह मामला खत्म नहीं हो सकता है। इस अदालत में जो परिलक्षित हो रहा है, उसे आगे की जांच की जरूरत है।"

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने राज्य से एक हलफनामा दायर करने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के 19 जुलाई, 2018 के फैसले के संदर्भ में न्यायिक हिरासत की अवधि से अधिक समय हिरासत में क्यों रखा गया।

राज्य को इस तरह की किसी भी घटना के संबंध में पूरे राज्य से डेटा एकत्र करने के लिए भी कहा गया है।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ को उचित कदम उठाने और अनुपालन रिपोर्ट के लिए भेजी जाए।

मामले पर अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।

केस का शीर्षक: भोला कुमार बनाम छत्तीसगढ़ राज्य

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




Tags:    

Similar News