'लंबे वक्त के लिए ऑनलाइन क्लासेस संभव नहीं': कक्षा 12 के छात्र ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

Update: 2021-08-13 14:48 GMT

दिल्ली के एक 12वीं कक्षा के छात्र ने केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

अपनी याचिका में छात्र ने स्कूलों को फिर से खोलने और ऑफ़लाइन शिक्षण के संचालन के संबंध में समयबद्ध निर्णय लिया जाए।

याचिकाकर्ता अमर प्रेम प्रकाश स्कूलों को फिर से खोलने और फिजिकल क्लासेस को फिर से शुरू करने के मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली एनसीटी सहित देश में कई राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ अनिर्णय के चलते परेशानी की हालत में है।

अधिवक्ता प्रेम प्रकाश मेहरोत्रा ​​के माध्यम से दायर की गई याचिका में स्कूली बच्चों को फिजिकल रूप से अपने स्कूलों से दूर रखने और उनकी कक्षाओं में वर्चुअल रूप से शामिल होने से वंचित होने और मनोवैज्ञानिक और वास्तविक दोनों तरह के प्रभाव के मुद्दे को उठाने की मांग की गई है।

याचिका में यह इंगित किया गया कि कई मामलों में आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए वरर्चुअल क्लासेस में भाग लेना संभव नहीं है। उन्हें निजी ट्यूशन या कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। इसके साथ ही नियमित स्कूली शिक्षा के अभाव में पारिश्रमिक का काम करना पड़ता है।

याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि भारत के छात्र समुदाय को उनके स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंच नहीं दी जा रही है, क्योंकि देश के कई राज्यों में ऑफ़लाइन शिक्षण जारी है, जिसके परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 21ए सपठित अनुच्छेद 14 और 21 में उच्च सिद्धांतों का उल्लंघन है।

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