CCTVs In Police Stations : सुप्रीम कोर्ट ने States/UTs को कंप्लायंस एफिडेविट के लिए आखिरी डेडलाइन दी

Update: 2025-11-25 10:58 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने उन States/UTs को 3 हफ़्ते का समय दिया, जिन्होंने देश भर के पुलिस स्टेशनों में CCTV कैमरों के काम न करने से जुड़े मामले में अपने कंप्लायंस एफिडेविट फाइल नहीं किए।

कोर्ट ने आगे कहा कि डेडलाइन का पालन न करने की स्थिति में मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होना होगा।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच देश भर के पुलिस स्टेशनों में CCTV कैमरों के काम न करने के मामले में खुद से शुरू किए गए मामले की सुनवाई कर रही थी।

इस मामले में एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने मंगलवार को बेंच को बताया कि सिर्फ़ 11 राज्यों ने उन सवालों का जवाब दिया, जो बेंच ने 14 अक्टूबर के अपने आदेश में उठाए थे।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने अभी तक NIA जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के संबंध में अपना कंप्लायंस एफिडेविट फाइल नहीं किया।

केंद्र सरकार की तरफ से पेश एसजी तुषार मेहता ने रिक्वेस्ट की कि कंप्लायंस फाइल करने के लिए 3 हफ़्ते का समय दिया जाए।

इस पर विचार करते हुए बेंच ने यह निर्देश दिया:

एसजी का कहना है कि कंप्लायंस फाइल करने के लिए 3 हफ़्ते का समय दिया जाए। हम बाकी राज्यों को अपना कंप्लायंस एफिडेविट फाइल करने के लिए 3 हफ़्ते का समय देते हैं।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"इन मामलों को 16 दिसंबर, 2025 को फिर से लिस्ट करें। अगर उस तारीख तक बाकी States/UTs, जिन्होंने अब तक अपना एफिडेविट फाइल नहीं किया, कंप्लायंस एफिडेविट फाइल नहीं करते हैं तो संबंधित राज्य एजेंसियों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डायरेक्टर पिछले ऑर्डर और आज के ऑर्डर का पालन न करने के अपने एक्सप्लेनेशन के साथ इस कोर्ट के सामने पेश होंगे।"

संक्षेप में मामला

4 सितंबर को कोर्ट ने पुलिस स्टेशनों में काम न करने वाले CCTV कैमरों के संबंध में पब्लिक इंटरेस्ट में स्वतःसंज्ञान केस रजिस्टर करने के लिए कहा था।

जस्टिस नाथ और जस्टिस मेहता की बेंच ने दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की, जिसके अनुसार इस साल पिछले सात से आठ महीनों में पुलिस कस्टडी में लगभग 11 लोगों की मौत हो गई।

इससे पहले दिसंबर, 2020 में कोर्ट ने परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह मामले में आदेश दिया था कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें यह पक्का करें कि उनके तहत काम करने वाले हर पुलिस स्टेशन में CCTV कैमरे लगाए जाएं। हालांकि, इसका पालन ठीक से नहीं हुआ, कई कैमरे या तो लगाए ही नहीं गए या खराब पड़े हैं।

15 सितंबर को कोर्ट ने खुद से लिए गए मामले में कहा कि वह पुलिस स्टेशनों में बिना किसी इंसानी दखल के CCTV कैमरों की इंडिपेंडेंट मॉनिटरिंग पर विचार कर रहा है, क्योंकि अगर कोर्ट के पहले के निर्देशों के अनुसार CCTV लगाए भी जाते हैं तो अधिकारी उन्हें बंद कर सकते हैं।

26 सितंबर को उसने राजस्थान राज्य से 12 सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि क्या CCTV के काम करने को पक्का करने के लिए रेगुलर ऑडिट किए जाते हैं। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि पुलिस स्टेशनों के CCTV फुटेज कितने समय तक सुरक्षित रखे जाते हैं। इसमें यह भी सवाल उठाया गया कि क्या सरप्राइज इंस्पेक्शन और टैम्पर प्रूफिंग के फोरेंसिक वैलिडेशन का कोई प्रोविज़न है।

Case Title:

(1) IN RE LACK OF FUNCTIONAL CCTVS IN POLICE STATIONS Versus, SMW(C) No. 7/2025

(2) PARAMVIR SINGH SAINI Versus BALJIT SINGH, SLP (Crl) No.3543/2020 (and connected cases)

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