"अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता": सुप्रीम कोर्ट ने 64 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के आरोपी को जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को जीएसटी चोरी के आरोपी को यह कहते हुए जमानत दी कि अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है।
दरअसल, आरोपी पर 64 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी (GST) करने का आरोप है और उसने लगभग 50% सजा पूरी कर ली है।
न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने 26 अप्रैल, 2021 को गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी पर विचार करते हुए जमानत दी।
अपील की अनुमति देते हुए परेश नथालाल चौहान बनाम गुजरात राज्य एंड अन्य में पीठ ने कहा,
"उपरोक्त मामले के परिप्रेक्ष्य में, हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। पहले से ही 25 महीने तक हिरासत में रखा जा चुका है, जब उसे अधिकतम पांच साल के लिए सलाखों के पीछे भेजा गया है। यह 50% सजा काट चुका है। शिकायत दर्ज की गई है।"
अपीलकर्ता के वकील ने इस तथ्य पर जोर दिया कि जीएसटी की चोरी से उत्पन्न होने वाली कार्यवाही एक तलाशी अभियान से पहले हुई थी जहां संबंधित अधिकारियों ने महिला सदस्यों के साथ एक सप्ताह से अधिक समय तक घर पर कब्जा कर लिया था।
आगे तर्क दिया कि अपीलकर्ता कुल 5 साल की अवधि में से 25 महीने के लिए हिरासत में है जिसके लिए उसे सजा सुनाई गई थी। शिकायत दर्ज होने के बावजूद जांच लंबित बताई गई।
वकील ने कहा कि अधिकारी का प्रयास उसे कार्यवाही शुरू करने के लिए सबक सिखाने का था जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ प्रतिकूल आदेश दिए गए।
राज्य द्वारा दायर किए गए जवाबी हलफनामे पर अपीलकर्ता के वकील द्वारा अदालत का ध्यान भी आकर्षित किया गया, जहां अधिकारी के खिलाफ आरोप है कि उसने घोटाले के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक गोपनीय जांच अभी भी चल रही है।
दूसरी ओर, एएसजी एसवी राजू ने आदेश का बचाव करते हुए कहा कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक आदतन अपराधी है जो पहले के प्रावधान के अनुसार कानून के उल्लंघन में लिप्त है।
एएसजी ने यह भी तर्क दिया कि कई आरोपी फरार हैं और उन्हें हिरासत में लेने पर ही मूल समस्या का पता चलेगा जहां 64 करोड़ की चोरी हुई है।
पीठ ने अपीलकर्ता को भविष्य में इस तरह की गतिविधियों में शामिल न होने के लिए सावधान रहने का निर्देश देते हुए जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि कुछ कार्यवाही अभी भी लंबित हैं।
केस का शीर्षक: परेश नथालाल चौहान बनाम गुजरात राज्य एंड अन्य। अपील करने के लिए विशेष अनुमति के लिए याचिका (Crl.)No. 9458-9459/2021
कोरम: जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश
अपीलकर्ता के लिए वकील: एडवोकेट डीएन रे, एडवोकेट चेतन पंड्या, एडवोकेट दिलीप कुमार नायक, एडवोकेट दिशा रे और एडवोकेट सुमिता रे
राज्य के लिए परामर्शदाता: एएसजी एस.वी. राजू, एडवोकेट आस्था मेहता, एडवोकेट सैरिका राजू और एडवोकेट दीपनविता प्रियंका
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