इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम से हिंदू बने वसीम रिजवी की हत्या के लिए फतवा जारी करने के आरोपी मुस्लिम विद्वान को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

Update: 2023-06-06 11:58 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक मुस्लिम विद्वान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी को मारने के लिए फतवा जारी करने का आरोप लगाया गया था, जब उन्होंने इस्लाम त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया था।

जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने मौलाना सैयद मोहम्मद शबीबुल हुसैनी की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसने कथित तौर पर एक यूट्यूब चैनल पर बयान दिया था कि रिज़वी को 'कत्ल वाज़िब है' शब्द कहकर मारना वांछनीय है।

इस मामले में एफआईआर खुद रिज़वी ने 18 मार्च, 2023 को दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी हुसैनी ने अपने बयान में कहा है कि जिस तरह लेखक सलमान रुश्दी की हत्या जरूरी है, उसी तरह रिज़वी की हत्या भी जरूरी है।

रिज़वी ने यह भी आरोप लगाया कि मौलाना हुसैनी द्वारा उनके खिलाफ फतवा जारी करना मुसलमानों को उनके खिलाफ भड़का कर उनकी हत्या की साजिश है, क्योंकि उन्होंने सनातन धर्म (हिंदू धर्म) को स्वीकार कर लिया था। उसने यह भी दावा किया कि फतवा जारी होने और यूट्यूब पर वीडियो अपलोड होने के बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है।

इसके तहत मौलाना हुसैनी पर धारा 115, 120बी, 153ए, 153बी, 386, 504, 505 (2), 506 आईपीसी और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद, मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए, उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उनके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है।

हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। 

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