कंज्यूमर प्रोटेक्टशन एक्ट, 2019 से पहले दायर की गई सभी उपभोक्ता शिकायतों को सीपीए 1986 के तहत विशेष न्यायिक क्षेत्र के अनुसार फोरम द्वारा सुना जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सीपीए) 2019 के प्रभाव में आने से पहले दायर की गई उपभोक्ता शिकायतों की सुनवाई उन फोरम पर जारी रहनी चाहिए, जिनमें उन्हें पूर्ववर्ती उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत विशेष अधिकार क्षेत्र के अनुसार दायर किया गया था।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के निर्देशों को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि अधिनियम, 1986 के अनुसार पहले से स्थापित मामलों को अधिनियम, 2019 के तहत नए अधिकार क्षेत्र के अनुसार संबंधित फोरम में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की अधिसूचना 20 जुलाई, 2020 को जारी की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 20 जुलाई, 2020 से पहले स्थापित सभी कार्यवाही 1986 अधिनियम के तहत गठित फोरम द्वारा सुनी जाएंगी और 2019 अधिनियम के अनुसार उन्हें विशेष अधिकार क्षेत्र के अनुसार नए फोरम पर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
यह महत्वपूर्ण आदेश नीना अनेजा और अन्य बनाम जय प्रकाश एसोसिएट्स लि. मामले में दिया गया है। इससे देश भर में उपभोक्ता फोरम में व्याप्त व्यापक भ्रम सुलझाए जा सकते हैं।
निर्णय की पूरी प्रति जारी होने के बाद अधिक जानकारी ज्ञात होगी।