मेडिकल दाखिलों में मराठों के लिए SEBC कोटा पर रोक के बॉम्बे HC के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका SC ने खारिज की
महाराष्ट्र सरकार की इस वर्ष पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में मराठा समुदाय के लिए कोटा पर रोक लगाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
गुरुवार को जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि समानता का अधिकार उन छात्रों का भी है जो राज्यों में मेडिकल दाखिलों के इच्छुक हैं।
जस्टिस एस. बी. शुकरे और जस्टिस पी. वी. गणेदीवाला की पीठ ने यह फैसला सुनाया था कि राज्य सरकार की अधिसूचना 8 मार्च, 2019 के तहत स्वास्थ्य विज्ञान के पाठ्यक्रमों में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के कोटे को पीजी डेंटल और मेडिकल प्रवेश के लिए लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि NEET के लिए पंजीकरण प्रक्रिया वर्ष 2018 में 16 अक्टूबर और 2 नवंबर को शुरू हुई थी जबकि मराठा समुदाय के लिए 16% आरक्षण शुरू करने वाले SEBC अधिनियम को 30 नवंबर, 2018 को लागू किया गया था।
कोर्ट ने कहा था, "हम निर्देश देते हैं कि जहां तक मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया को लेकर 09/02/2019 को जारी अधिसूचना का संबंध है ये उस मेडिकल प्रवेश के लिए लागू की जाएगी जो 30 नवंबर 2018 के बाद शुरू की गई या ये किसी अन्य रिट के परिणाम के अधीन शुरू होगी। याचिका, यदि लंबित है तो वर्तमान चिकित्सा प्रवेश प्रक्रिया -2019 के लिए अधिसूचना के तहत कोई आवेदन नहीं होगा जो कि 16 अक्टूबर, 2018 और 2 नवंबर, 2018 में हुई थी।"