कोलकाता डॉक्टर हड़ताल : सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल PIL
कोलकाता में डॉक्टरो पर हमले के विरोध में देश भर में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को एक जनहित याचिका दाखिल की गई है।
इस याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए देश भर के सरकारी अस्पतालों में सरकारी सुरक्षा कर्मी तैनात करने के अलावा डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश और नियम तय किए जाने की भी मांग की गई है। याचिका में डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हो रही स्वास्थ्य सेवाओं का भी मुद्दा भी उठाया गया है। याचिका में केंद्रीय गृह-मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार को पक्षकार बनाया गया है।
इस घटना के बाद से ही देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पश्चिम बंगाल में करीब 700 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है जबकि दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य इलाकों में सरकारी डॉक्टरों ने इस घटना का विरोध किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में 17 जून को हड़ताल का ऐलान किया है। इस दिन सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चलेंगी।
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है।
पीठ ने दिया था पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश
मुख्य न्यायाधीश टी. बी. एन. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने राज्य सरकार से हड़ताली डॉक्टरों को काम फिर से शुरू करने और रोगियों को सामान्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बातचीत करने को कहा है। अदालत ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों से पीठ को अवगत कराए।