तमिलनाडु सरकार की जीत में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें थूथुकुड़ी में वेदांता- स्टरलाइट संयंत्र को फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी।
जस्टिस आर. एफ. नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि NGT को इस मामले की सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं था। स्टरलाइट इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है और अभी उसका संयंत्र बंद ही रहेगा।
पिछले साल अप्रैल में तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने निर्धारित शर्तों का पालन करने में विफल रहने के चलते संयंत्र को संचालित करने के लिए प्रमाणपत्र को नवीनीकृत करने से मना कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार के वन और पर्यावरण विभाग ने 28 मई 2018 को संयंत्र को स्थायी रूप से बंद करने का निर्देश भी दिया था।
तमिलनाडु सरकार की इस कार्रवाई को 15 दिसंबर को एनजीटी द्वारा रद्द कर दिया गया, जिसमें खतरनाक पदार्थों को संभालने के लिए सहमति और प्राधिकरण के नवीकरण के नए आदेश को पारित करने का निर्देश दिया गया था। ग्रीन कोर्ट ने इसके संचालन के लिए बिजली की बहाली का भी निर्देश दिया था।
राज्य सरकार द्वारा की गई अपील पर इन निर्देशों को अलग करते हुए जस्टिस आर. एफ. नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि पक्षकारों को मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
पिछले साल मई-जून के दौरान ये संयंत्र विवाद का केंद्र बन गया था, और इसके संचालन के खिलाफ स्थानीय विरोध भी तेज हो गया था। 22 मई, 2018 को पुलिस ने लगभग 20,000 प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर गोलीबारी की, जिसमें 17 वर्षीय छात्र सहित 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।