गुजरात के कांग्रेसी विधायक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 1 अप्रैल को करेगा सुनवाई, उप-चुनाव और अयोग्यता को दी है चुनौती
अयोग्य करार दिए गए गुजरात के कांग्रेस विधायक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इसमें गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया कि वो राज्य की 'तलाला विधानसभा' सीट पर उप-चुनाव कराने के चुनाव आयोग के आदेश में दखल नहीं देगा।
दरअसल विधायक को अवैध खनन के मामले में सजायाफ्ता होने पर विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है जिसे भी चुनौती दी गई है।
इस संबंध में कांग्रेस विधायक भगवान बराड की ओर से जस्टिस एस. ए. बोबड़े की पीठ से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया और पीठ ने कहा कि इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।
दरअसल बराड ने उच्च न्यायालय में चुनाव आयोग के 10 मार्च के आदेश को भी चुनौती दी थी जिसमें तलाला सीट पर उप-चुनाव की घोषणा की गई थी। 5 मार्च को जारी की गई अधिसूचना में त्रिवेदी ने तलाला सीट को खाली घोषित किया था।
दरअसल न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अवैध खनन के मामले में बराड को दोषी करार देकर उन्हें 2 साल 9 महीने जेल की सजा सुनाई थी और इसके बाद यह घोषणा की गई। इसके साथ ही सजा के बाद विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने उन्हें अयोग्य करार दिए जाने का फैसला भी दिया।
बराड ने इस फैसले को भी चुनौती दी लेकिन 27 मार्च को गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एस. आर. ब्रह्मभट्ट और न्यायमूर्ति वी. बी. मायानी ने बराड की अर्जी का निपटारा कर दिया और कहा कि वह तलाला विधानसभा सीट पर उप-चुनाव घोषित करने की चुनाव आयोग की अधिसूचना में दखल नहीं देगा।
पीठ ने कहा कि बराड को अयोग्य करार दिए जाने का फैसला और सीट का खाली होना आज की तारीख तक प्रभावी है। गौरतलब है कि तलाला सीट पर 23 अप्रैल को उप-चुनाव कराया जाना तय है। इसी दिन गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होना है।