पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली बीएसएफ के पूर्व जवान की याचिका पर सुनवाई स्थगित

Update: 2019-08-21 14:35 GMT

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को वाराणसी से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई को 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।

यह याचिका बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने दायर की है, जिन्हें आम चुनाव 2019 के लिए वाराणसी से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन वे चुनाव लड़ने में विफल रहे क्योंकि उनके नामांकन पत्र को रिटर्निंग अधिकारी ने अस्वीकार कर दिया था। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

पीएम की ओर से अधिवक्ता के. आर. सिंह अदालत में पेश हुए। इससे पहले कोर्ट ने 20 जुलाई को पीएम मोदी को नोटिस जारी कर 21 अगस्त को उनकी उपस्थिति की मांग की थी।

यादव ने याचिका दायर करते हुए कहा कि उनके नामांकन को चुनाव अधिकारी ने अवैध तरीके से खारिज कर दिया था। यादव के कागजात की अस्वीकृति का कारण यह दिया गया था कि वह इस संबंध में सर्टिफिकेट दाखिल करने में असफल रहे कि उन्हें भ्रष्टाचार या डिसलॉयल्टी के लिए बीएसएफ से बर्खास्त नहीं किया गया था।

यादव ने कहा कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी आदेश को पेश किया था, जिससे यह पता चलता है कि उन्हें कथित अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था, न कि भ्रष्टाचार या स्टेट (state) के प्रति डिसलॉयल्टी के लिए। इसलिए, उन्होंने यह तर्क दिया कि उनका मामला वर्ष 1951 अधिनियम की धारा 9 द्वारा कवर नहीं होगा और इसलिए 1951 के अधिनियम की धारा 33 (3) के तहत उन्हें चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं थी।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि उनके नामांकन पत्रों की अस्वीकृति से पहले उन्हें सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके नामांकन की अस्वीकृति के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। 

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