रमजान में मतदान का समय जल्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया

Update: 2019-05-14 03:48 GMT

रमजान माह के दौरान 19 मई को होने वाले आम चुनाव के अंतिम चरण में मतदान सुबह 7 बजे की बजाए सुबह 5 बजे से या सुबह 6 बजे शुरू करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।

पीठ ने दखल देने से किया इनकार

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की वेकेशन बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह फैसला चुनाव-आयोग पर है। अब मतदान का एक ही चरण बचा है और इस दौरान पीठ चुनाव-आयोग के कामकाज में दखल नहीं देना चाहती।

चुनाव आयोग ने जताई थी अपनी असमर्थता

2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव-आयोग से ज्ञापन पर आवश्यक आदेश पारित करने के लिए कहा था लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने चिट्ठी लिखकर याचिकाकर्ता निजामुद्दीन पाशा को यह सूचित किया था कि चुनाव आयोग के लिए मतदान का समय सुबह जल्दी करना संभव नहीं है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि वर्तमान मौसम की स्थिति में, दिन की गर्मी शुरू होने पर बहुत सारे मुसलमान अपने मताधिकार का प्रयोग करने में असमर्थ होंगे।

उन्होंने कहा, "इस महीने के दौरान, मत डालने वाली आबादी का एक बड़ा प्रतिशत अर्थात वयस्क मुस्लिम, दोनों पुरुष और महिलाएं, युवा और बूढ़े उपवास करेंगे और हर दिन सुबह भोजन या पानी का सेवन नहीं करेंगे ... इस भीषण गर्मी में, मुस्लिम मतदाताओं के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए तीव्र गर्मी में दिन के समय मतदान केंद्रों पर कतार में लगना बहुत मुश्किल होगा। रमज़ान के दौरान अधिकांश मुस्लिम सुबह से पहले भोजन के लिए उठते हैं, जिसे सेहरी कहा जाता है। सुबह फज्र की नमाज के वो बाद सो जाते है। इसके बाद वे गर्मी में प्यास, भूख और हीटस्ट्रोक की संभावना से बचने के लिए संभवत: बाहर जाने से बचते हैं।"

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