"आप भाग्यशाली हैं कि जुर्माना नहीं लगा रहे " सुप्रीम कोर्ट ने मिराज दुर्घटना की न्यायिक जांच वाली याचिका खारिज की
बंगलुरु में वायु सेना के लड़ाकू विमान मिराज दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव को कहा, "आप भाग्यशाली हैं कि हम आप पर इस याचिका को दाखिल करने के लिए जुर्माना नहीं लगा रहे और ऐसा इसलिए क्योंकि आप वकील हैं।"
सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने श्रीवास्तव से पूछा, "मिराज किस जनरेशन के हैं?" इस पर उन्होंने जवाब दिया, "4th जनरेशन के।" इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, "आपने याचिका दाखिल की है और आपको पता ही नहीं मिराज किस जनरेशन के हैं। ये 3.5 जनरेशन के हैं और पुराने होने के चलते गिरेंगे ही। अब 6th जनरेशन के विमान प्रयोग में आ चुके हैं। आप चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस घटना की न्यायिक जांच कराए।" यह टिप्पणी करने के साथ ही पीठ ने इस मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
वहीं पीठ ने अंतरिम बजट के खिलाफ दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया। वकील एम. एल. शर्मा ने याचिका में कहा था कि संविधान में अंतरिम बजट का कोई प्रावधान नहीं है और 1 फरवरी को केंद्र सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया वो संविधान के साथ धोखा है। शर्मा का कहना था कि इस बजट को राज्यसभा में भी नहीं भेजा गया है। 16वीं लोकसभा अब खत्म हो रही है इसलिए ये बजट 17वीं लोकसभा को पेश करना है।