भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Update: 2019-01-28 16:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए केंद्र द्वारा दाखिल क्यूरेटिव याचिका पर अप्रैल में सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की है। केंद्र ने वर्ष 2011 में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसमें अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड कंपनी (जो अब डॉव केमिकल्स के स्वामित्व में है) को पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश देने की गुहार लगाई गई थी।

दिसंबर 2010 में दायर इस याचिका में 7413 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग की गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 14 फरवरी, 1989 के फैसले की फिर से जांच करने की मांग की गई जिसके द्वारा मुआवजे को 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर (750 करोड़ रुपये) तय किया गया। 15 फरवरी और 4 मई, 1989 को कोर्ट के आदेशों पर भुगतान और निपटान के तरीके का निर्धारण किया गया था।

केंद्र का कहना है कि पहले का समझौता मृत्यु, चोट और नुकसान की संख्या की गलत धारणा पर आधारित था और इस घटना के बाद के पर्यावरणीय नुकसान को भी ध्यान में नहीं रखा गया। ये समझौता 3,000 मौतों और 70,000 घायलों के मामलों के पहले के आंकड़े पर आधारित था, जबकि क्यूरेटिव याचिका में मरने वालों की संख्या 5,295 और घायलों का आंकड़ा 527,894 बताया गया है।

दरअसल नवंबर 2018 में केंद्र सरकार द्वारा जल्द सुनवाई के लिए क्यूरेटिव याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। सोमवार को ASG माधवी दीवान ने इसकी जल्द सुनवाई की मांग की और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि अदालत अप्रैल के महीने में इस पर सुनवाई करेगी।

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