कलकत्ता हाईकोर्ट ने भर्ती घोटाले मामले में TMC नेता माणिक भट्टाचार्य को जमानत दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नकदी-के-लिए-नौकरी भर्ती घोटाले मामले में आरोपी तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पूर्व विधायक माणिक भट्टाचार्य को जमानत दी। उल्लेखनीय है कि भट्टाचार्य द्वारा जमानत के लिए पहले की दो याचिकाओं को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
जस्टिस सुवरा घोष की एकल पीठ ने मनीष सिसोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भरोसा किया और कहा:
जैसा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले लंबे समय तक कारावास को बिना मुकदमे के सजा नहीं बनने दिया जाना चाहिए। ऐसे मामले में अनुच्छेद 21 अपराध की गंभीरता के बावजूद लागू होता है। याचिकाकर्ता द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के संबंध में चिंता को दूर करने के लिए उस पर कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं। कड़ी शर्तें लगाकर याचिकाकर्ता की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जा सकती है। याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। वर्तमान मामले के अलावा उसके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला लंबित नहीं है।
जस्टिस घोष ने माना कि ED ने भट्टाचार्य के खिलाफ उनकी दोषसिद्धि साबित करने के लिए कुछ प्रथम दृष्टया सबूत पेश किए, लेकिन यह भी कहा गया कि मुकदमे में देरी के लिए आरोपी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अभी भी जांचे जाने वाले दस्तावेजों की बड़ी मात्रा के कारण, मुकदमा जल्द ही समाप्त नहीं होगा।
इसलिए आरोपी-याचिकाकर्ता को जमानत दे दी गई।
मामले की पृष्ठभूमि
भट्टाचार्य को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करोड़ों रुपये के नकद-नौकरी भर्ती घोटाले की जांच के दौरान गिरफ्तार किया, जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को मोटी रिश्वत के बदले सरकारी नौकरियों में रखा जा रहा था।
कथित घोटाले में वर्ष 2014 और 15 में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के परिणामों में हेराफेरी भी शामिल थी।
कथित घोटाले की जांच ED और CBI द्वारा हाईकोर्ट की निगरानी में की जा रही है। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी जैसे कई प्रमुख TMC नेता भी शामिल हैं।
ED TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की कंपनी 'लीप्स एंड बाउंड्स' और राज्य विभागों के माध्यम से किए जा रहे अवैध घोटाले की आय के बीच कथित संबंधों की भी जांच कर रही है।
केस टाइटल: माणिक भट्टाचार्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य