शिल्पा शेट्टी, राज कुंद्रा ने विदेश यात्रा की याचिका वापस ली, बॉम्बे हाईकोर्ट ने रखी थी राशि जमा कराने की शर्त

Update: 2025-10-16 10:11 GMT

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति, व्यवसायी राज कुंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अपनी अंतरिम याचिका आज वापस ले ली, जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी।

यह दंपति कथित 60 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में एक FIR का सामना कर रहा है। उन्होंने पहले अपने खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) रद्द करने की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने उनकी विदेश यात्रा की अनुमति पर विचार करने से पहले उन्हें कथित धोखाधड़ी की राशि जमा करने के लिए कहा था।

चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की खंडपीठ व्यापार और व्यक्तिगत कारणों से लॉस एंजिल्स तथा अन्य विदेशी देशों की यात्रा की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

व्यापारी दीपक कोठारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी। कोठारी ने आरोप लगाया कि शिल्पा और राज ने 60 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की साजिश रची। उन्होंने दावा किया कि 2015 से 2023 के बीच व्यापार विस्तार के नाम पर दिया गया पैसा वास्तव में निजी खर्चों पर उड़ाया गया।

पिछली सुनवाई में दंपति के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि उनका 2 से 5 अक्टूबर तक फुकेत का दौरा अब संभव नहीं है।

उन्होंने बताया कि शेट्टी को अब 21 से 24 अक्टूबर तक लॉस एंजिल्स में YouTube द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना है फिर 25 अक्टूबर को कोलंबो की यात्रा करनी है। अंत में 26 से 29 अक्टूबर तक अपने पति के साथ मालदीव में एक व्यापारिक यात्रा पर जाना है।

शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने तर्क दिया,

"मेरे ज्ञान के अनुसार आवेदक (कुंद्रा और शेट्टी) विदेशी नागरिक हैं और इसलिए (उनके भारत न लौटने की) आशंका है।"

जजों ने शेट्टी के वकील से YouTube इवेंट के बारे में पूछताछ की और आयोजकों के साथ हुए संचार का विवरण मांगा।

वकील ने जवाब दिया कि उनके मुवक्किल को इसके लिए फोन कॉल आए हैं।

इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर ने टिप्पणी की,

"तो नंबर उपलब्ध कराएँ, हम इसे सत्यापित करवा लेंगे।"

वकील ने यह भी बताया कि दंपति ने जांच टीम के साथ पूरा सहयोग किया है और अनुमति मिलने पर वे कोर्ट की शर्तों का पालन करेंगे। इस पर CJ चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि दंपति को केवल इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया, क्योंकि उन्होंने जांच एजेंसी के साथ सहयोग किया था।

कोर्ट द्वारा राशि जमा करने की शर्त पर विचार करने के बाद आज दंपति ने अपनी अंतरिम याचिका वापस ले ली।

यह मामला दर्शाता है कि धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए भी विदेश यात्रा की अनुमति लेना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर जब कोर्ट उनकी विश्वसनीयता को लेकर सशंकित हो।

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