हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में देरी पर स्पष्टीकरण मांग

Update: 2024-09-04 12:23 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस बारे में जवाब दाखिल करे कि दिसंबर, 2020 से महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।

आयोग का गठन 01 मार्च 2020 को सरकारी प्रस्ताव द्वारा किया गया। आयोग की भूमिका अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थितियों का अध्ययन करना तथा उनके सुधार के लिए राज्य सरकार को सुझाव प्रदान करना है।

इसके अतिरिक्त, आयोग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों द्वारा उठाई गई शिकायतों की भी जांच कर सकता है।

याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा आयोग में सदस्यों की नियुक्ति करने में विफलता के कारण जनहित याचिका (PIL) दायर की थी।

परिणामस्वरूप नियुक्ति न होने पर याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि SC/ST समुदायों द्वारा उठाई गई शिकायतों का समाधान नहीं किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति 03 दिसंबर, 2020 से नहीं की गई है।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और प्रतिवादी-राज्य को नोटिस जारी किया।

न्यायालय ने मौखिक रूप से टिप्पणी,

"याचिकाकर्ता का मामला यह है कि आयोग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करता है। हालांकि, अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पद के कारण आयोग के कार्य रुके हुए हैं।"

इसने आगे टिप्पणी की,

"लगभग 877 शिकायतें लंबित हैं, लेकिन रिक्त पदों के कारण शिकायतकर्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं किया जा रहा है।"

न्यायालय ने राज्य को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों के कारणों को स्पष्ट करते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इसके अलावा इसने राज्य से आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदमों को बताने के लिए कहा।

“सरकारी वकील को निर्देश लेना चाहिए कि 03 दिसंबर, 2020 से अध्यक्ष और सदस्यों का पद क्यों खाली पड़ा है। और तब से सदस्यों की नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए।”

केस टाइटल- सागर ज्ञानेश्वर शिंदे बनाम सचिव महाराष्ट्र राज्य आयोग और अन्य (PIL/110/2024 [सिविल])

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