सार्वजनिक सभाओं और आंदोलनों को विनियमित करने के लिए दो सप्ताह में नियम अधिसूचित किए जाएंगे: महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया

Update: 2025-03-27 06:27 GMT
सार्वजनिक सभाओं और आंदोलनों को विनियमित करने के लिए दो सप्ताह में नियम अधिसूचित किए जाएंगे: महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार (26 मार्च) को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसने सार्वजनिक सभाओं, मोर्चों और आंदोलनों को विनियमित करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत नियम बनाए हैं।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस के डिप्टी कमिश्नर द्वारा दायर हलफनामे पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया कि सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों को विनियमित करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 33 के तहत नियम बनाए गए। उन्हें दो सप्ताह के भीतर अधिसूचित किया जाएगा।

न्यायालय ने राज्य को अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक नियमों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि उक्त नियमों को अक्षरशः लागू किया जाना चाहिए।

न्यायालय नरीमन पॉइंट चर्चगेट सिटीजन एसोसिएशन द्वारा 1997 में दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें जेएन टाटा रोड पर आंदोलन या सभाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं ने किसी भी मोर्चा, आंदोलन या सभा की अनुमति न देकर उपद्रव को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की।

12.02.2022 को राज्य सरकार ने बताया कि उसने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 33 के तहत पहले ही अभ्यास शुरू किया और 8 सप्ताह की अवधि के भीतर नियम/विनियम तैयार किए जाएंगे।

वहीं 18.02.2025 के एक आदेश के माध्यम से न्यायालय ने नोट किया था कि 3 साल की अवधि के बावजूद, राज्य ने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 33 के तहत बनाए गए नियमों/विनियमों को रिकॉर्ड में रखने में सक्षम होने के लिए फिर से स्थगन की मांग की।

केस टाइटल: नरीमन पॉइंट चर्चगेट सिटीजन एसोसिएशन और अन्य बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य (रिट याचिका संख्या 1203 वर्ष 1997)

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