कंगना रनौत ने सुझाए गए कट्स पर सहमति जताई: CBFC ने Emergency की रिलीज पर हाईकोर्ट को बताया
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि विवादास्पद फिल्म Emergency की निर्माता और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने सेंसर बोर्ड की संशोधन समिति द्वारा सुझाए गए कट्स पर सहमति जताई है।
जस्टिस बर्गेस कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ फिल्म के सह-निर्माता ज़ी स्टूडियो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें फिल्म की रिलीज के लिए प्रमाण पत्र मांगा गया।
पिछली सुनवाई में CBFC ने अपने वकील डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ के माध्यम से पीठ को सूचित किया था कि संशोधन समिति ने फिल्म में कुछ कटौतियों का सुझाव दिया, जिसके बाद इसे रिलीज किया जा सकता है।
हालांकि सह-निर्माताओं ने यह पता लगाने के लिए समय मांगा कि क्या बदलाव किए जा सकते हैं।
सोमवार को जब मामले की सुनवाई हुई तो जी स्टूडियोज की ओर से पेश सीनियर वकील शरण जगतियानी ने खंडपीठ को सूचित किया कि रनौत ने CBFC के साथ बैठक की है। फिल्म में कुछ कटौतियों के संबंध में सुझावों से सहमत हैं।
वकील ने कहा,
"उन्होंने (कंगना ने) हमें ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि वह CBFC से मिलीं और कटौतियों से सहमत हैं। उन्होंने कहा है कि मामला अब उनके और सेंसर बोर्ड के बीच है।"
हालांकि सीनियर वकील ने कहा कि कटौतियों को कैसे लागू किया जाए इस पर निर्णय लेने के लिए समय की आवश्यकता है।
इस पर चंद्रचूड़ ने पीठ से कहा कि कटौतियों से फिल्म का एक मिनट भी प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि ये यहां-वहां कुछ शब्दों से संबंधित हैं।
सीनियर एडवोकेट से इस पर उचित निर्देश लेने को कहते हुए पीठ ने मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
पीठ जी स्टूडियोज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फिल्म की रिलीज के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए CBFC को निर्देश देने की मांग की गई। सह-निर्माता ने तर्क दिया कि सेंसर बोर्ड ने शुरू में ई-प्रमाण पत्र दिया था और रनौत को ईमेल के माध्यम से इस बारे में सूचित भी किया था। हालांकि इसने फिल्म पर विभिन्न आपत्तियों विशेष रूप से सिख समुदाय द्वारा उठाई गई आपत्तियों का हवाला देते हुए प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी सौंपने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर CBFC ने कहा कि उसने कभी ई-प्रमाण पत्र जारी नहीं किया और रनौत और जी द्वारा जिन ईमेल पर भरोसा किया जा रहा है, वे ऑटो-जेनरेटेड मेल थे। हालांकि, पीठ ने CBFC को फिल्म पर आपत्तियों यदि कोई हो पर विचार करने और 18 सितंबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया था।
पिछली सुनवाई में पीठ यह जानकर नाराज हुई थी कि CBFC ने अब मामले को अपनी संशोधन समिति को भेज दिया। इस बीच जी स्टूडियोज ने पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि CBFC केंद्र सरकार की ओर से काम कर रहा है।
इस प्रकार जानबूझकर फिल्म की रिलीज में देरी कर रहा है, क्योंकि सत्ता में बैठी BJP नहीं चाहती कि फिल्म का हरियाणा में आगामी चुनावों पर असर पड़े, क्योंकि इसे सिख विरोधी माना जा रहा है।