सीरियल पसंद नहीं तो मत देखो: बॉम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी

Update: 2025-08-13 06:14 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़ी टीवी के नए धारावाहिक "तुम से तुम तक" पर दर्ज FIR रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता की नीयत और पहचान को लेकर कड़ी टिप्पणियां कीं। यह धारावाहिक 46 वर्षीय पुरुष और 19 वर्षीय लड़की की प्रेम कहानी पर आधारित है।

जस्टिस रविंद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंकड़ की खंडपीठ ने शिकायतकर्ता सुनील शर्मा से पूछा,

“सीरियल में क्या आपत्तिजनक है? अगर आपकी सोच के अनुसार देखें तो हमें टीवी ही बंद करना पड़ेगा अगर 46 साल का अभिनेता 19 साल की लड़की से प्यार करता है तो इससे भावनाएं कैसे आहत हो जाएंगी? अगर पसंद नहीं है, तो मत देखिए।”

अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता ने साइबर सेल को अपना नाम सुनील शर्मा बताया, अदालत में सुनील महेंद्र शर्मा कहा जबकि आधार और पैन कार्ड में नाम महेंद्र संजय शर्मा है। अदालत ने इसे दुर्भावना और शरारत बताया है।

जस्टिस घुगे ने कहा,

“आप कहते हैं कि आप ABC हैं। फिर निकलते XYZ यह कैसा औचित्य है? गुमनाम रहना चाहते थे तो सही तरीके से रहते लेकिन यहां तो पहचान ही बदल दी गई।"

एडवोकेट जनरल डॉ. बिरेन्द्र साराफ के सुझाव पर अदालत ने संकेत दिया कि शिकायतकर्ता को कम से कम 1 महीने के लिए मुंबई के जे.जे. अस्पताल में सफाई और पोछा लगाने जैसे सामुदायिक कार्य करने का आदेश दिया जा सकता है, और इसके लिए किसी प्रतिनिधि को भेजने की अनुमति नहीं होगी।

साइबर पुलिस की चूक

अदालत ने साइबर सेल के नोडल अधिकारी पर भी नाराज़गी जताई, जिन्होंने शिकायतकर्ता की पहचान जांचे बिना FIR दर्ज की और उसे अदालत में पेश किया। पीठ ने इसे कम से कम कहें तो मूर्खता बताया और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।

मामले पर आदेश सुरक्षित रख लिया गया।

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