एल्गर परिषद मामले के आरोपी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, बीमार पिता से मिलने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार (6 अगस्त) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भीमा कोरेगांव एल्गर परिषद मामले के आरोपी रमेश गायचोर द्वारा दायर याचिका पर निर्देश प्राप्त करने और जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। गायचोर ने अपने बीमार पिता से मिलने के लिए अस्थायी ज़मानत मांगी है।
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस राजेश पाटिल की खंडपीठ ने NIA को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ़्ते का समय दिया।
गाइचोर ने स्पेशल कोर्ट के 1 जुलाई, 2025 के आदेश को चुनौती दी, जिसने उनकी अंतरिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी।
गाइचोर के अनुसार उनके 75 वर्षीय पिता अस्वस्थ हैं और बीमार हैं। उन्हें पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसलिए उन्होंने 'मानवीय' आधार पर अंतरिम ज़मानत मांगी।
NIA कानून के तहत मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त विशेष अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
गाइचोर का तर्क है कि स्पेशल कोर्ट इस तथ्य पर विचार करने में विफल रही कि मामले के अन्य सह-आरोपियों को भी पहले ऐसी अस्थायी या अंतरिम ज़मानत दी जा चुकी है। आरोपी ने तर्क दिया कि स्पेशल कोर्ट ने उसे अपने बीमार पिता से मिलने की अनुमति देने के मानवीय आधार पर विचार करने से इनकार कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक संदेश पाटिल, NIA का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील चिंतन शाह की सहायता से, दो सप्ताह के भीतर एजेंसी का जवाब प्रस्तुत करने की संभावना है। तदनुसार सुनवाई स्थगित की जाती है।