बच्चे का अपने माता-पिता को जानने और उनसे मिलने का स्वाभाविक अधिकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Update: 2024-07-05 06:33 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि बच्चे को ट्रायल कोर्ट में कस्टडी के मामले के लंबित रहने के दौरान अपने माता-पिता, जिसमें पिता भी शामिल है, उनको जानने और उनसे मिलने का अधिकार है।

मां ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पिता को हर महीने के एक रविवार को सार्वजनिक स्थान पर तीन घंटे के लिए अपने बेटे से मिलने की अनुमति दी गई थी। मां ने अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र की कमी के आधार पर आदेश को चुनौती दी।

जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस दोनादी रमेश की खंडपीठ ने अधिकार क्षेत्र की कमी के बारे में दलीलों को खारिज करते हुए कहा,

“बच्चे का अपने माता-पिता को जानने और उनसे मिलने का स्वाभाविक अधिकार लगभग पूर्ण है।”

न्यायालय ने माना कि फैमिली कोर्ट द्वारा मुलाकात के अधिकार दिए जाने से बच्चे की कस्टडी में कोई बदलाव नहीं आया। यह माना गया कि बच्चे का सर्वोत्तम हित यह है कि वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष हिरासत मामले के लंबित रहने के दौरान अपने पिता को जाने।

तदनुसार, मां द्वारा दायर अपील खारिज कर दी।

केस टाइटल- प्रियंका अग्रवाल बनाम अभिषेक अग्रवाल [प्रथम अपील संख्या - 576/2024]

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