अतुल सुभाष मामला | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी पत्नी के चाचा को चार सप्ताह के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी

Update: 2024-12-17 06:00 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में 34 वर्षीय बेंगलुरु के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की अलग रह रही पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया को आज 4 सप्ताह के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी।

जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि सक्षम न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत आवेदन करने में सक्षम बनाने के लिए अंतरिम संरक्षण देने से इनकार करने से उनके प्रति अपूरणीय और अपरिवर्तनीय पूर्वाग्रह पैदा होंगे।

यह ध्यान देने योग्य है कि मृतक की पत्नी के चाचा कर्नाटक में दर्ज FIR का सामना कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब उन्हें राहत प्रदान की, जिससे वह कर्नाटक में सक्षम न्यायालय के समक्ष उचित कानूनी उपायों का सहारा ले सकें।

न्यायालय ने यह भी कहा कि सुसाइड नोट के प्रथम दृष्टया अवलोकन से यह पता चलता है कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप मुख्य रूप से जौनपुर के फैमिली कोर्ट के प्रधान जज सास और पत्नी के खिलाफ हैं।

आवेदक संख्या 4 (आरोपी आवेदक) के लिए न्यायालय ने कहा कि आरोप केवल फोन पर और व्यक्तिगत रूप से मारपीट, हत्या और झूठे मामले दर्ज करने की धमकी देने तक सीमित प्रतीत होते हैं।

न्यायालय ने प्रिया इंदौरिया बनाम कर्नाटक राज्य 2023 लाइव लॉ (एससी) 996 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले पर भी भरोसा किया, जिसमें यह देखा गया कि हाईकोर्ट की ओर से ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने में कोई बाधा नहीं है, जिससे आरोपी उन हाईकोर्ट सहित न्यायालयों का दरवाजा खटखटा सके जहां अपराध किए जाने का आरोप है और मामला दर्ज है।

न्यायालय ने आगे टिप्पणी की,

"इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वतंत्रता का अधिकार भारत के संविधान के भाग-III में निहित है। ऐसे अधिकारों का हनन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना नहीं किया जा सकता है।"

इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने उन्हें धारा 173 (2) CrPC के तहत 50,000 रुपये के व्यक्तिगत बांड और संबंधित मजिस्ट्रेट/न्यायालय की संतुष्टि के लिए समान राशि के दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने पर राहत प्रदान की। न्यायालय ने निर्देश दिया कि आवेदक आवश्यकता पड़ने पर पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ के लिए स्वयं को उपलब्ध कराएगा।

इससे पहले अभियुक्तों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मनीष तिवारी ने अभियुक्तों को पकड़ने में पुलिस द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाया, क्योंकि उन्होंने जोरदार ढंग से कहा कि ओसामा बिन लादेन को भी इतनी 'जल्दी' नहीं पकड़ा गया था।

उल्लेखनीय है कि 34 वर्षीय बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की पत्नी ने अपने तीन पारिवारिक सदस्यों (आरोपी-आवेदक/सुशील सिंघानिया सहित) के साथ मिलकर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

शनिवार को निकिता, उसकी मां (निशा सिंघानिया) और उसके भाई (अनुराग सिंघानिया) की गिरफ्तारी के बाद उनकी याचिका निरर्थक हो गई और केवल आरोपी-सुशील की याचिका ही बची।

सुभाष जो कथित तौर पर वैवाहिक मामलों को दायर करने के माध्यम से अपनी पत्नी द्वारा कथित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली थी, ने अपने पीछे 'न्याय मिलना चाहिए' की तख्ती और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। उन्होंने 81 मिनट का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके पारिवारिक सदस्यों पर यूपी के जौनपुर जिले के फैमिली कोर्ट में तलाक, गुजारा भत्ता और बच्चे की कस्टडी को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई के दौरान उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

अतुल के भाई विकास कुमार ने निकिता और उसके तीन परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बेंगलुरु मे FIR दर्ज कराई।

केस टाइटल - निकिता सिंघानिया और 3 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य

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