इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा को राहत देने से किया इनकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 के धोखाधड़ी मामले के संबंध में बॉलीवुड कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक रेमो डिसूजा द्वारा दायर की गई याचिका खारिज की।
जस्टिस राजीव मिश्रा की पीठ ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि डिसूजा इस मामले में उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र को चुनौती देने में विफल रहे हैं। इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती, जिसकी उन्होंने प्रार्थना की।
कोर्ट ने कहा,
“आवेदक के वकील राज्य के ए.जी.ए. को सुनने और रिकॉर्ड के अवलोकन के बाद यह न्यायालय पाता है कि आवेदक के खिलाफ प्रस्तुत दिनांक 25.9.2020 के आरोपपत्र को वर्तमान आवेदन में चुनौती नहीं दी गई। आरोप पत्र को किसी चुनौती के अभाव में वर्तमान आवेदन के माध्यम से मांगी गई कोई राहत नहीं दी जा सकती।”
अदालत ने अपने आदेश में कहा उसने उनकी याचिका खारिज की। डिसूजा के खिलाफ मामला 2016 का है, जब गाजियाबाद के व्यवसायी सत्येंद्र त्यागी के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
एफआईआर में आरोप लगाया गया कि डिसूजा ने उन्हें अपनी आगामी फिल्म 'अमर मस्ट डाई' के वित्तपोषण के लिए 2016 में 5 करोड़ रुपये निवेश करने का सुझाव दिया, इस वादे के साथ कि उन्हें (त्यागी) फिल्म की रिलीज के बाद दोगुनी राशि (10 करोड़ रुपये) मिलेगी। हालांकि वह ऐसा करने में विफल रहे। आईपीसी की धारा 420, 406 और 386 के तहत दर्ज एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि जब व्यवसायी ने वादे के मुताबिक पैसे मांगे तो डिसूजा ने अंडरवर्ल्ड डॉन प्रसाद पुजारी को फोन करके उन्हें धमकाया ACJM III गाजियाबाद ने अक्टूबर 2020 में अपराध का संज्ञान लिया।
डिसूजा ने संज्ञान आदेश को चुनौती देने और मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। हालांकि, जब राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि वह मामले में आरोपपत्र को चुनौती देने में विफल रहे हैं तो अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल- रेमो डी सूजा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य