प्रयागराज से उड़ानों की घटती संख्या के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका
प्रयागराज से उड़ानों की घटती संख्या पर न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि हाईकोर्ट बंद की गई उड़ानों को फिर से शुरू करने और 2025 में महाकुंभ के मद्देनजर अधिक उड़ानें शुरू करने के लिए अधिकारियों को परमादेश जारी करे।
वकील विनीत पांडे ने जनहित याचिका दायर करते हुए कहा कि प्रयागराज हवाई अड्डे की क्षमता में वृद्धि होने के बावजूद, शहर से चलने वाली उड़ानों की संख्या में कमी आई है, क्योंकि कुछ उड़ानें निलंबित/बंद कर दी गईं।
याचिका में याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि जिले में कुछ मेडिकल सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, जिसके लिए लोगों को इलाज के लिए बड़े शहरों में हवाई मार्ग से ले जाना पड़ता है। कहा गया कि उड़ानों की संख्या कम होने से एयर एंबुलेंस सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि प्रयागराज एयरपोर्ट पर उड़ानों का न होना वस्तुतः उचित तरीके से जीने के अधिकार का हनन है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रयागराज एयरपोर्ट से उड़ानें बंद होने से स्टूडेंट, वकील, व्यवसायी, डॉक्टर और उद्योगपति परेशान हैं। कहा गया कि प्रयागराज से केवल 7 शहरों के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं। अगले साल शहर में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के मद्देनजर कई और शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने की आवश्यकता है।
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की पीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया। न्यायालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नोटिस जारी किया।
प्रयागराज में हवाई अड्डे के संबंध में पहले की याचिका
वर्ष 2016 में प्रयागराज जिले को सेवा प्रदान करने वाले बमरौली में भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे के उन्नयन के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी। उक्त जनहित याचिका में हाईकोर्ट द्वारा हितधारकों की बैठक करने और बमरौली में उतरने वाली उड़ानों के लिए एक समर्पित सिविल टर्मिनल बनाने का निर्देश देते हुए विभिन्न आदेश पारित किए गए।
आखिरकार, इलाहाबाद हवाई अड्डे (अब प्रयागराज हवाई अड्डे) के रूप में जाना जाने वाला सिविल टर्मिनल जनवरी 2019 में चालू हो गया। हालांकि हवाई अड्डे तक जाने वाली उचित सड़कों की कमी के कारण जनहित याचिका लंबित है। इसके अलावा वर्ष 2023 में याचिकाकर्ता ने प्रयागराज हवाई अड्डे से उड़ानों में कटौती का मुद्दा उठाया। उक्त मुद्दे पर प्रतिवादियों से जवाबी हलफनामा मांगा गया।
दोनों जनहित याचिकाओं को आपस में जोड़ दिया गया और उन पर एक साथ सुनवाई की जाएगी।