मेरी पत्नी ने गर्भधारण न कर पाने के कारण आत्महत्या की: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उक्त दावा करने वाले आरोपी को पोटेंसी टेस्ट कराने का आदेश दिया
यह देखते हुए कि गर्भधारण न कर पाने के लिए हमेशा महिला को ही दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी समस्या पुरुष के कारण भी हो सकती है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को पोटेंसी टेस्ट (Potency Test) कराने का निर्देश दिया, जिस पर अपनी पत्नी की दहेज हत्या का आरोप है।
जस्टिस शेखर यादव की पीठ ने एडिशनल सरकारी वकील को 10 दिनों के भीतर आरोपी (मोनू) का पोटेंसी टेस्ट (पौरूष परीक्षण) कराने और इसकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने का निर्देश दिया।
यह आदेश तब पारित किया गया, जब जमानत की मांग कर रहे आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष दावा किया कि उसकी पत्नी (पीड़िता) ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि वह गर्भधारण करने में असमर्थ थी, जिसके कारण वह अवसादग्रस्त थी।
इस दलील के मद्देनजर न्यायालय ने इस प्रकार टिप्पणी की,
“इस तरह के मामले लगभग हर दिन न्यायालय के समक्ष आते हैं और वकील (आरोपी की ओर से पेश होते हुए) यह बयान देते हैं कि पीड़िता गर्भधारण करने में असमर्थ थी। इसलिए उसने अवसाद के कारण आत्महत्या कर ली जबकि कभी-कभी व्यक्ति स्वयं बच्चा पैदा करने की स्थिति में नहीं होता है।”
इसे देखते हुए न्यायालय ने आरोपी आवेदक की पोटेंसी टेस्ट का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को तय की।
इस मामले में पीड़िता के परिवार ने उसके पति के खिलाफ उत्पीड़न और दहेज हत्या के लिए एफआईआर दर्ज कराईस जिसके बाद पुलिस ने इस साल की शुरुआत में आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया।