लापरवाही के स्पष्टीकरण के लिए कई बार स्थगन मांगा गया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर के 2 हजार रुपये जुर्माना जमा करने की शर्त पर मामला स्थगित किया

Update: 2024-08-30 06:18 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जो उनके वेतन खाते से देय है। यह जुर्माना मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 37 के तहत अपील दायर करने में हुई चूक को स्पष्ट करने के लिए कई बार स्थगन मांगने पर लगाया गया।

NHAI ने 11 दिनों की देरी से मध्यस्थता अपील दायर की। पिछली तारीखों पर जब मामला सूचीबद्ध किया गया था तो न्यायालय ने अपील दायर करने में हुई देरी के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।

हालांकि, NHAI के वकील ने दो मौकों पर स्थगन मांगा। फिर से जब मामला सूचीबद्ध किया गया तो NHAI के वकील ने न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए तीसरे स्थगन की मांग की।

जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने इस शर्त पर तीसरा स्थगन मंजूर किया कि 2 हजार रुपये जुर्माना जमा की जाए। 2000 रुपये NHAI के परियोजना निदेशक द्वारा उनके वेतन खाते से जमा किए जाएंगे।

कहा गया,

“प्रार्थना के अनुसार, मामले को स्थगित किया जाता है, बशर्ते कि अपीलकर्ता नंबर 1 के परियोजना निदेशक द्वारा इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष 2,000 रुपये की लागत जमा की जाए। जुर्माना संबंधित परियोजना निदेशक के वेतन खाते से जमा की जाएगी।”

इसके अतिरिक्त, NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि खामियों के स्पष्टीकरण के संबंध में न्यायालय के निर्देश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया।

केस टाइटल: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, अपने परियोजना निदेशक के माध्यम से बनाम विनोद कुमार और 5 अन्य

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