इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 40 साल पुराने हत्या केस में आरोपी को बरी किया

Update: 2025-10-03 06:26 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1984 के चर्चित हत्या मामले में लगभग चार दशक बाद बचे हुए एकमात्र आरोपी सुरेश को बरी किया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा और घटनाक्रम में गंभीर विरोधाभास पाए गए।

मामला मथुरा का है, जहां 17 सितम्बर 1984 को चरन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। FIR में आरोप लगाया गया कि ज़मीन विवाद के चलते छह लोग जिनमें मृतक के भाई और भतीजे भी शामिल थे, हथियारों के साथ पहुंचे और गोलीबारी की। 1986 में सेशन कोर्ट ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई। अपील लंबित रहने के दौरान चार आरोपियों की मृत्यु हो गई और मामला केवल सुरेश के खिलाफ जारी रहा।

हाईकोर्ट ने सबूतों की पड़ताल के बाद पाया कि मृतक के शरीर पर लगी गोली की चोटें अभियोजन की कहानी से मेल नहीं खातीं। अदालत ने कहा कि यदि मृतक ट्रैक्टर की सीट पर बैठा था और आरोपी ज़मीन से गोली चला रहे थे तो चोटें ऊपर की दिशा में होनी चाहिए, जबकि सभी निशान सीधे थे। साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों को भी अविश्वसनीय मानते हुए अदालत ने कहा कि उनका आचरण अस्वाभाविक था। घटनास्थल से मिले सबूतों और गवाहियों में भी कई विरोधाभास पाए गए।

इन परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष दोष साबित करने में असफल रहा है। नतीजतन सुरेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।

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