इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के लापता व्यक्ति के मामले में डीजीपी से हलफनामा मांगा

Update: 2025-06-16 11:46 GMT

जनता की शिकायतों को प्राप्त करने और उनका समाधान करने के अपने कर्तव्य से बचने के लिए राज्य के पुलिस अधिकारियों की कड़ी आलोचना करने वाले एक कड़े आदेश पारित करने के लगभग एक सप्ताह बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईपीएस राजीव कृष्ण को वाराणसी के लापता 21 वर्षीय व्यक्ति के मामले के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस हरवीर सिंह की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि सुनवाई की तारीख 12 जून तक मामले में कोई प्रगति न होना घृणित' है, जबकि लापता युवक का पता लगाने के लिए 7 जून को एक पुलिस टीम का गठन किया गया था।

उल्लेखनीय है कि न्यायालय नितेश कुमार नामक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रहा है जो अपने भाई के लापता होने (कथित अपहरण) के संबंध में है, जिसका दावा है कि वाराणसी के संबंधित पुलिस अधिकारी उसका पता नहीं लगा रहे हैं।

4 जून को याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस की तीखी आलोचना की थी, जिसमें प्रथम दृष्टया यह पाया गया था कि यदि किसी अपहृत व्यक्ति को शीघ्र बरामद नहीं किया जाता है और देरी के कारण पीड़ित की हत्या हो जाती है तो उस पुलिस विभाग के प्रमुख पर जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए, जिसके अधिकार क्षेत्र में अपहरण या अपहरण की रिपोर्ट की गई थी।

न्यायालय के निर्देश के बाद जबकि 7 जून को एक पुलिस टीम का गठन किया गया।

वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने 12 जून को पीठ को सूचित किया कि लापता युवक को अभी भी बरामद नहीं किया गया।

इस मामले में पुलिस अधिकारियों की लगातार निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने अब यूपी डीजीपी को मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि 4 जून के अपने आदेश में पीठ ने कहा था कि पुलिस अक्सर अपहरण या अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाती है, क्योंकि किसी भी अधिकारी पर कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है।

खंडपीठ ने कहा था कि जवाबदेही की इस कमी के कारण अक्सर अपहरण की घटना दुखद रूप से हत्या में बदल जाती है।

अब इस मामले की सुनवाई 9 जुलाई को नए सिरे से होगी।

केस टाइटल - नितेश कुमार मुखबिर बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य

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