इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उपायुक्त से हेड कांस्टेबल को बर्खास्त करने में असाधारण शक्ति के प्रयोग के लिए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा
अंतरिम आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतम बुद्ध नगर के पुलिस उपायुक्त को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ रैंक के पुलिस अधिकारी (दंड और अपील) नियम, 1991 के नियम 8(2)(बी) के तहत अपने अधिकार का अतिक्रमण करने के कारण बताते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
पुलिस उपायुक्त ने दिनांक 07.08.2024 के आदेश द्वारा पुलिस में हेड कांस्टेबल याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया।
न्यायालय ने माना कि उपायुक्त ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया, क्योंकि वह बर्खास्तगी से पहले मामले की जांच न करने का कारण दर्ज करने में विफल रहे थे। उन्होंने टिप्पणी की कि ऐसे कारणों को भविष्य में दर्ज किया जाएगा। न्यायालय ने माना कि ऐसे मामले में नियम 8(2)(बी) के तहत निर्धारित शर्तों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
जस्टिस जे.जे. मुनीर ने कहा,
"यह न्यायालय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच करने के नियम से अलग हटकर ऐसी कठोर शक्तियों के प्रयोग को प्रोत्साहित नहीं करता, सिवाय इसके कि अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा आदेश में लिखित रूप में वैध और बाध्यकारी कारण दिए गए हों।"
न्यायालय ने पाया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई मामलों में संबंधित प्राधिकारी द्वारा नियम 8(2)(बी) के तहत शक्ति के लापरवाही से प्रयोग को हतोत्साहित करने के बारे में स्पष्ट निष्कर्ष था।
इसके अलावा जस्टिस मुनीर ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि इस संबंध में पहले ही सर्कुलर जारी किया जा चुका है, जिसमें सीनियर अधिकारियों को नियम 8(2)(बी) के तहत अपनी विवेकाधीन शक्ति का उपयोग न करने का निर्देश दिया गया।
यह पाते हुए कि डिप्टी कमिश्नर ने उपरोक्त का उल्लंघन किया, न्यायालय ने उन्हें कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए तथा 26.09.2024 को या उससे पहले उस स्टेशन पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा जहां वे तैनात हैं।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अपना कर्तव्य निर्वहन जारी रखने तथा अपना वेतन प्राप्त करने की अनुमति देते हुए विवादित बर्खास्तगी आदेश पर भी रोक लगा दी।
मामला 26.09.2024 को आदेश के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- अमित कुमार @ अमित कुमार मलिक बनाम उत्तर प्रदेश राज्य तथा 2 अन्य