अनुच्छेद 243-ZE | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानगर नियोजन समिति के चुनाव न कराने पर राज्य सरकार और चुनाव आयोग को फटकार लगाई

Update: 2025-08-08 09:42 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ZE के आदेश के बावजूद महानगर नियोजन समिति के चुनाव न कराने पर उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य चुनाव आयोग को फटकार लगाई।

जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए,

"राज्य चुनाव आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि वे महानगर नियोजन समिति के चुनाव कराने के लिए आवश्यक जानकारी/दस्तावेज की आवश्यकता को निर्दिष्ट करते हुए दस दिनों के भीतर प्रमुख सचिव, नगर विकास, उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को एक पत्र जारी करें। प्रमुख सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को निर्देश दिया जाता है कि वे उक्त पत्र द्वारा राज्य चुनाव आयोग को अपेक्षित जानकारी दो सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएं।"

न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि उपरोक्त का पालन नहीं किया जाता है तो राज्य चुनाव आयुक्त और प्रमुख सचिव नगर विकास, उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर महानगर नियोजन समिति के चुनाव के लिए सरकार और चुनाव आयोग के बीच समन्वय की कमी के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं ने महानगर नियोजन समिति के गठन की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

उन्होंने दलील दी कि जनहित याचिका नंबर 4735/2016 में न्यायालय के आदेश के बावजूद, जिसमें राज्य चुनाव आयोग को महानगर नियोजन समिति के गठन के लिए राज्य सरकार के पत्र पर विचार करने का निर्देश दिया गया था, कोई कार्रवाई नहीं की गई।

राज्य चुनाव आयोग के वकील ने राज्य सरकार को सूचना मांगने वाला एक पत्र दिखाया न्यायालय ने पाया कि वह अस्पष्ट था और अस्पष्ट पत्र पर कोई सूचना नहीं दी जा सकती।

न्यायालय ने टिप्पणी की,

"दोनों ही चुनाव न कराने का भार एक-दूसरे पर डाल रहे हैं।"

वकील ने कहा कि सूचना मांगने वाला एक नया पत्र 10 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा। इसलिए न्यायालय ने दोनों पक्षों को सूचना का आदान-प्रदान करने और चुनाव कराने के लिए समन्वय करने का निर्देश दिया।

अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।

केस टाइटल: कमलेश सिंह एवं 2 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं 5 अन्य

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