वकील ने तैयार किया झूठा शपथ पत्र? इलाहाबाद हाइकोर्ट ने डिपोनेंट्स की उपस्थिति के संबंध में ओथ कमिश्नर के रजिस्टर से वेरिफिकेशन मांगा
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सोमवार को यह वेरीफाई करने के बाद न्यायालय के सीनियर रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी कि क्या याचिकाकर्ता शपथ आयुक्त के समक्ष उपस्थित था, जब कथित हलफनामे में शपथ ली गई थी कि वह परिसर खाली कर देगा।
हाइकोर्ट के समक्ष अलग कार्यवाही में याचिकाकर्ता के तत्कालीन वकील ने वचन पत्र प्रस्तुत किया। उक्त वचन पत्र में कहा गया कि याचिकाकर्ता विवादित परिसर को खाली कर देगा।
याचिकाकर्ता ने उस आदेश के ख़िलाफ़ रिकॉल आवेदन दायर किया, जो कथित तौर पर जाली उपक्रम पर आधारित है। इस बीच प्रतिवादियों की ओर से याचिकाकर्ता के खिलाफ अवमानना आवेदन दायर किया गया जो लंबित है।
याचिकाकर्ताओं ने रिट याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उन्होंने अदालत के समक्ष ऐसा कोई उपक्रम नहीं दिया। दलील दी गई कि उनके वकील ने उनसे कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा, जिस पर हलफनामा तैयार किया गया।
जस्टिस अब्दुल मोइन ने निर्देश दिया,
“ओथ कमिश्नर के रजिस्टर से शपथ पत्र के संबंध में पुष्टि करने के बाद इस न्यायालय के सीनियर रजिस्ट्रार द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए कि क्या याचिकाकर्ता शपथ पत्र के समय उपस्थित था, जैसा कि ओथ कमिश्नर के रजिस्टर अवलोकन से पता चलेगा।"
कोर्ट ने तथ्यों के वेरिफिकेशन के लिए निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो तो सीनियर रजिस्ट्रार शपथ आयुक्त के संबंधित रजिस्टरों और सीसीटीवी फुटेज को देख सकते हैं।
मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।
केस टाइटल- जयकर पांडे और 2 अन्य बनाम मुस्तकीम अहमद और 3 अन्य