कृष्ण जन्मभूमि मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को सभी कार्यवाहियों में विवादित ढांचा कहने की याचिका खारिज की

Update: 2025-07-04 09:50 GMT

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी चल रही वादों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को वह याचिका खारिज की, जिसमें आग्रह किया गया था कि भविष्य की सभी कार्यवाहियों में शाही ईदगाह मस्जिद की जगह 'विवादित ढांचा' शब्द का प्रयोग किया जाए।

जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह आवेदन “फिलहाल के लिए खारिज” किया जाता है।

यह आवेदन मूल वाद संख्या 13/2023 में एडवोकेट महेन्द्र प्रताप सिंह ने दाखिल किया था, जिसे कई अन्य पक्षों ने भी समर्थन दिया था, जिनमें वाद संख्या 07/2023 के वादी भी शामिल थे।

गौरतलब है कि इस विवाद से जुड़े 18 वाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित हैं, जिनमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से कथित अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की गई, जिसे वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद कहा जाता है।

मामले की पृष्ठभूमि:

यह विवाद मुग़ल शासक औरंगज़ेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, जिसे कथित रूप से श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों पूजा स्थल एक साथ संचालित होने लगे। वर्तमान वादों में इस समझौते को धोखाधड़ीपूर्ण और अवैध बताते हुए चुनौती दी गई।

हाईकोर्ट ने मई, 2023 में मथुरा कोर्ट में लंबित सभी वादों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

दिसंबर, 2023 में हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण कराने के लिए कोर्ट कमीश्नर नियुक्त करने की मांग को मंजूरी दी थी। लेकिन जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसे बाद में बढ़ा दिया गया।

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