बिना वजह बताए GST रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि GST रजिस्ट्रेशन कैंसिल करते समय अधिकारियों को वजह बताते हुए ऑर्डर पास करने होंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो ऑर्डर कानून की नज़र में मान्य नहीं होगा।
जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने कहा,
"जब याचिकाकर्ता को बिना किसी सही नोटिस दिए या सुनवाई का कोई मौका दिए बिना कैंसलेशन ऑर्डर पास किया गया तो यह खुद ही नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का उल्लंघन है।"
याचिकाकर्ता एक रियल एस्टेट कंपनी है। उसको रिटर्न जमा न करने पर GST कैंसलेशन के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद 16.05.2023 के ऑर्डर से याचिकाकर्ता का रजिस्ट्रेशन उसी आधार पर कैंसिल कर दिया गया। इससे नाराज़ होकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया।
कोर्ट ने पाया कि न तो शो-कॉज नोटिस पर संबंधित अधिकारी का नाम था और न ही कोई विवरण था। कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस में ऐसी कोई जानकारी नहीं थी और याचिकाकर्ता को सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया गया तो पास किया गया ऑर्डर कानून के मुताबिक नहीं होगा।
कोर्ट ने सूर्या एसोसिएट्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए कहा कि अगर GST रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का कोई कारण नहीं बताया जाता है तो पास किया गया ऑर्डर मान्य नहीं होगा।
इसके अलावा कोर्ट ने व्हर्लपूल कॉर्पोरेशन बनाम रजिस्ट्रार ऑफ ट्रेड मार्क्स, मुंबई और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए कहा कि ऐसे ऑर्डर्स को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
इसलिए रिट याचिका मंजूर कर ली गई।