इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद अफजाल अंसारी की गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील स्वीकार की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (SP) सांसद अफजाल अंसारी की अपील स्वीकार की। उन्होंने लिया गैंगस्टर एक्ट मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए न्यायालय का रुख किया था, जिसमें गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 साल जेल की सजा सुनाई थी।
उनकी दोषसिद्धि 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ी है।
इसके साथ ही न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट का आदेश और फैसला खारिज कर दिया।
जस्टिस संजय कुमार सिंह ने मामले में फैसला सुरक्षित रखने के कुछ दिनों बाद फैसला सुनाया।
इस मामले में यह निर्णय अंसारी के राजनीतिक करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले अंसारी को, यदि हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि बरकरार रखी होती तो सांसद के रूप में अयोग्य घोषित हो जाते।
गौरतलब है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के साथ कोई सांसद/विधायक, जिसे किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो और कम से कम दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई हो, ऐसी दोषसिद्धि की तिथि से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही उसकी रिहाई के बाद से छह वर्ष की अवधि के लिए राजनीति गतिविधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा।
इसके अलावा यह भी ध्यान देने योग्य है कि मई 2023 में अंसारी को मामले में दोषसिद्धि की तिथि से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था; हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2:1 बहुमत से पिछले वर्ष दिसंबर में उनकी दोषसिद्धि निलंबित कर दी थी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अंसारी को हाईकोर्ट में उनकी आपराधिक अपील के लंबित रहने के दौरान भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा। यदि वह निर्वाचित होते हैं तो ऐसा चुनाव हाईकोर्ट में उनकी आपराधिक अपील के परिणाम के अधीन होगा